खबर लहरिया ताजा खबरें क्षय रोग दिवस: देखिये टीबी को मात देकर कैसे बने ये लोग टीबी चैंपियंस

क्षय रोग दिवस: देखिये टीबी को मात देकर कैसे बने ये लोग टीबी चैंपियंस

हमारे देश में कई ऐसी बीमारियां हैं जो अगर किसी को हो जाएँ तो समाज उस बीमारी से पीड़ित लोगों को गलत नजरों से देखता है जैसे कैंसर ,एच आई वी, टीबी। ये बीमारियां हमारे समाज में एक अभिषाप की तरह हैं, इन बीमारियों से पीड़ित लोगों से समाज नफरत सी करने लगता है, अपने आस- पास नहीं बैठाते और न ही बात करते हैं।

और ऐसा व्यवहार लोग उन लोगों के साथ करते हैं जिन्होंने कोई गलती नहीं की होती। लेकिन कहते न कि संघर्ष करने की क्षमता है तो कोई भी जंग जीती जा सकती है। बस हौसला और उम्मीद होना चाहिए। टीबी चैंपियंस वो लोग हैं जिन्होंने इस बीमारी को हराकर, अपने जीवन की जंग जीती है। इन लोगों ने अपने हौसलों को बुलंद रखा, हिम्मत नहीं हारी, ठीक होने की उम्मीद नहीं छोड़ी।

और परिणाम स्वरुप आज ये लोग बिलकुल स्वस्थ्य हैं और दूसरों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन चुके हैं । टीबी से पीड़ित हर मरीज़ को बस सही इलाज कराने की और उम्मीद न छोड़ने की ज़रुरत है। ताकि इस बीमारी को हराकर वो भी टीबी चैंपियंस कहलाएं और चित्रकूट के टीबी चैंपियंस की तरह वो भी लोगों को जागरूक कर पाएं। टीबी चैंपियंस ने ये साबित कर दिया है कि अगर आपके अंदर संघर्ष करने की क्षमता है तो आप हर लड़ाई जीत सकते हैं।

कोरोना वायरस जितना ही खतरनाक है टीबी, तो मरीजों के इलाज में लापरवाही क्यों? 

इन लोगों का दृणनिश्चय देख कर न ही सिर्फ अनेक बीमारियों से पीड़ित लोगों को ठीक होने का हौसला मिलता है बल्कि हमें भी हर जंग जीतने की ताकत मिलती है। हम ऐसे ही कुछ लोगों से मिले जो टीबी से पीड़ित होते हुए और समाज की चुनौतियों को झेलते हुए इस बीमारी से जंग जीत कर चित्रकूट जिले के टीबी चैंपियन बन चुके हैं।

जिस महिला से हमने बात की वो कुछ साल पहले टीबी से लड़कर, अब विकलांग बच्चों की सहायता में लगी हुई हैं। उन्होंने हमें बताया कि उनके बुरे वक़्त में किसी ने उनकी मदद नहीं की और समाज ने भी उन्हें गलत नज़र से देखा। उनके पास बैठने से लोग कतराते थे और उन्होंने भी ठीक होने की उम्मीद छोड़ दी थी। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और लगातार सही ढंग से दवाएं खाकर वो एकदम स्वस्थ्य हो गयी और टीबी चैंपियन बन गयीं।

अब वो स्वास्थय विभाग की तरफ से गाँव-गाँव जाकर लोगों को टीबी के बारे में जागरूक कराती हैं और बताती हैं कि कैसे इस बीमारी को हराया जा सकता है। तो आइये मिलते हैं इन टीबी चैंपियंस से और जानते हैं कि कैसे इन्होने इस बीमारी को हराकर अपने जीवन की जंग जीती है।