खबर लहरिया Blog Trade License Rule in Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य की सभी दुकानों के लिए ट्रेड लाइसेंस किया अनिवार्य

Trade License Rule in Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य की सभी दुकानों के लिए ट्रेड लाइसेंस किया अनिवार्य

छत्तीसगढ़ सरकार ने अब राज्य की हर दुकान और कारोबार करने वाली जगह के लिए ट्रेड लाइसेंस लेना जरूरी कर दिया है। यानी अब अगर कोई व्यक्ति दुकान या व्यापार चलाना चाहता है, तो उसे सरकार से ट्रेड लाइसेंस लेना होगा। इसकी जानकारी शुक्रवार 7 नवंबर 2025 को एक जारी राजपत्र अधिसूचना द्वारा दी गई। इससे संबंधित सलाना शुल्क की राशि भी बताई गई।

दुकान की सांकेतिक तस्वीर (फोटो साभार : सोशल मीडिया)

ट्रेड लाइसेंस होता क्या है?

अपनी दुकान या कोई कारोबार चलाने के लिए सरकार अनुमति देती है इसके लिए सरकार ट्रेड लाइसेंस देती है। इसके जरिए जो अपनी दुकान खोलना चाहते हैं वह अपनी दुकान या कारोबार को कानूनी तरीके से चला सकते हैं। इससे सरकार को पता रहता है कि आपका कारोबार नियमों के अनुसार चल रहा है और लोगों की सुरक्षा, सफाई और सेहत का ध्यान रखा जा रहा है।

छत्तीसगढ़ में ट्रेड लाइसेंस को लेकर दुकानों के लिए इसे अनिवार्य कर दिया गया है। इसमें गुमटी, ठेला, छोटी दुकान से लेकर बड़े मॉल तक सभी को लाइसेंस लेना होगा। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो वे अपना व्यवसाय नहीं चला पाएंगे।

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जारी किया गया राजपत्र (फोटो साभार : छत्तीसगढ़ आधिकारिक वेबसाइट)

आप ट्रेड लाइसेंस से जुड़े सभी नए नियमों और प्रावधानों के बारे में https://egazette.cg.nic.in/View.aspx इस लिंक पर क्लिक कर के देख सकते हैं।

छत्तीसगढ़ में ट्रेड लाइसेंस के लिए शुल्क

एमपीसीजी मिरर न्यूज़ एंजेसी की रिपोर्ट के अनुसार यह नियम करीब 192 निकायों पर लागू होंगें। इनमें नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतें शामिल हैं। सड़क और बाजार के आधार पर दुकानों को तीन कैटेगरी में रखा गया है और इसी के आधार पर अलग-अलग शुल्क तय किए गए हैं।

नगर निगम क्षेत्र में ट्रेड लाइसेंस का अधिकतम शुल्क 30,000 प्रति वर्ष रखा गया है।
नगर पालिका क्षेत्र में 20,000 प्रति वर्ष
जबकि नगर पंचायत क्षेत्र में 10,000 प्रति वर्ष का शुल्क तय किया गया है।

अगर दुकानदार चाहें, तो वे एक बार में 10 साल का ट्रेड लाइसेंस शुल्क जमा कर सकते हैं।
ऐसा करने से उन्हें हर साल लाइसेंस नवीनीकरण (renew) कराने की झंझट नहीं रहेगी
यानी उन्हें हर साल दोबारा फीस भरने या कागज़ी काम करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि हर दो साल में शुल्क में 5% की वृद्धि की जाएगी। इससे नगर निकायों की आय बढ़ेगी और व्यापारिक गतिविधियों पर निगरानी भी आसान होगी।

आपको बता दें कि इससे पहले सिर्फ 45 निकायों में ट्रेड लाइसेंस प्रणाली लागू थी। हर निकाय के अपने अलग रेट थे। पहले 90 % दुकानदार कश्रम विभाग से गुमास्ता लाइसेंस लेकर दुकान चलाते थे। गुमास्ता यानी रोजगार और दुकान चलाने के लिए सरकार के पास पंजीकरण करना ताकि सरकार को कारोबार की जानकारी हो।

कांग्रेस की प्रतिक्रिया

छत्तीसगढ़ सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी और इसे लूट का नाम दिया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने पूछा कि प्रदेश के 99 प्रतिशत व्यापारियों के पास गुमास्ता लाइसेंस है, इस आधार पर वर्षों से व्यवसाय कर रहे है, फिर अचानक ट्रेड लाइसेंस की अनिवार्यता क्यों की गई है? जिस प्रकार से ट्रेड लाइसेंस की फीस तय की गई है ये तो सीधा-सीधा लूट है। जुर्माना का प्रावधान अलग है, इससे तो व्यापारी परेशान होंगे। ट्रेड लाइसेंस के लिए उनको भटकना पड़ेगा, ट्रेड लाइसेंस बनाने के लिए भारी लेनदेन होगा, यह सरकार का फैसला व्यापारी हित में नहीं है।

देखा जाए तो इस फैसले से छोटे दुकानदारों और ठेले वालों पर इसका ज्यादा असर पड़ेगा। सरकार द्वारा जो शुल्क तय किया गया है इतना वह कहां से लाएंगे? उनकी चिंता इस बात को लेकर और बढ़ गई है।

 

यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’

If you want to support  our rural fearless feminist Journalism, subscribe to our   premium product KL Hatke 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *