जिला टीकमगढ़ के ग्राम पंचायत में पक्की सड़क ना होने की वजह से आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। अधिकारी से कहो तो यह सुनने को मिलता है समस्या उनके कार्य क्षेत्र से बाहर की है।
टीकमगढ़ जिले के ब्लॉक जतारा के ग्राम पंचायत पूनौल में पक्की सड़क ना होने की वजह से ग्रामीणों को आये दिन परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बिजेले खिरक में करीबन 500 लोग रहते हैं। वह गांव में सुविधा के लिए वह कई जगह मांग भी कर चुके हैं फिर भी कोई सुनवाई नहीं हुई।
कच्ची सड़क से ग्रामीणों को होती परेशानियां
ग्राम पंचायत पूनौल बिजेले खिरक के रहने वाले गोटीराम ने बताया कि मुख्य हाईवे रोड से उनके पूनौल गांव के लिए सड़क है मगर वहां से बिजेले खिरक के लिए कोई सड़क नहीं है।
सबसे ज़्यादा समस्या बरसात में आती है। बरसात होते ही सड़क कीचड़ से भर जाती है तो निकलना मुश्किल होता है। जब महिलाएं पानी लेने के लिए जाती हैं तो कई बार वह उसी कीचड़ में गिर जाती हैं। कभी वाहन भी कीचड़ की वजह से गिर जाते हैं। गिरने के डर की वजह से लोग जूते-चप्पल उतारकर निकलते हैं। उनकी सरकार से गुजारिश है कि उनके गांव में सड़क बनवाई जाए।
ग्राम पंचायत पूनौल बिजेले खिरक की रहने वाली महिला कौशल्या कहती हैं कि तीन गांव के लोगों का कच्ची सड़क से आना-जाना रहता है। वह कहती हैं कि जब उनके गांव में सड़क बन जाएगी तभी वो इस बार वोट देंगी।
धनुक बाई का कहना है कि कच्ची और कीचड़ भरी सड़क की वजह से उनके कपड़े गन्दे हो जाते हैं। एक दिन में तीन से चार बार उन्हें कपड़े बदलने होते हैं। उन्होंने सड़क बनवाने के लिए सेक्रेटरी और कलेक्टर से भी कहा लेकिन आश्वासन के बाद भी सड़क नहीं बनी।गांव सेवाखेरे के रहने वाले राहगीर भगवान दास कहते हैं कि कच्चे रास्ते से सेवाखेरे, मड़ोरी बिजरन आदि गांव के लोग निकलते हैं। उन्हें इसी रास्ते से निकलना पड़ता है क्योंकि इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं है।
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क्या कहते हैं सरपंच प्रतिनिधि ?
ग्राम पंचायत पूनौल के सरपंच प्रतिनिधि राकेश सिंह घोष कहते हैं कि बिजेले खिरक की सड़क इसलिए नहीं बनी है क्योंकि वह ग्राम पंचायत में नहीं आती बल्कि प्रधानमंत्री सड़क योजना में आती है। इसी वजह से उन्होंने सड़क नहीं बनवाई है। वह आगे कहते हैं कि अगर प्रशासन ग्राम पंचायत को स्वीकृति करा दे तो वह सड़क निर्माण करा देंगे।
प्रधानमंत्री सड़क योजना विभाग के अधिकारी की बात
मामले को लेकर प्रधानमंत्री सड़क योजना विभाग, टीकमगढ़ के अधिकारी सत्येंद्र श्रीवास्तव (महाप्रबंधक) कहते हैं पुनौल गांव तक उनके द्वारा सड़क का निर्माण कराया गया है लेकिन बिजेले खिरक वाला रास्ता उनके विभाग में नहीं आता। उनका कहना है कि उन्होंने ग्रामीणों से कहा था कि जिस विभाग में सड़क आती है लोग वहां जाकर सड़क बनवाने की मांग करें।
जब भी ग्रामीण समस्या के निपटारे के लिए अधिकारियों के दरवाज़े पर दस्तक देते हैं या तो उन्हें झूठा आश्वाशन देकर घर वापस भेज दिया जाता है या तो उनसे यह कहा जाता है कि उनका क्षेत्र उनके विभाग में ही नहीं आता। वह कुछ नहीं कर सकते। सवाल यह है कि क्या वह अन्य विभाग को ग्रामीणों की समस्या को लेकर सूचित भी नहीं कर सकते? आखिर ग्रामीण कब तक किस-किस जगह जाकर अपनी परेशानियों को खत्म करने की मांग करते रहेंगे?
इस खबर की रिपोर्टिंग रीना द्वारा की गयी है।
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