टीकमगढ़ जिले के टीकमगढ़ ब्लॉक के कारी गांव के लोगों की शिकायत है कि उन्हें गैस सिलिंडर नहीं मिला है। जो की उज्ज्वला योजना के तहत लोगों को मिलने वाला था। गाँव के ही भक्ति बशंकर का कहना है कि योजना होने के बाद ही उन्हें योजना का लाभ नहीं मिला। खाना बनाने के लिए उन्हें लकड़ियों का उपयोग करना पड़ता है।
जिसका धुआं सीधा उनकी आँखों में घुसता है। जिससे उन्हें काफी परेशानी होती है। इसके साथ ही लकड़ियां लाने के लिए उन्हें सात किलोमीटर जंगल तक चलकर जाना पड़ता है। कई बार जो लोग जंगल में रहते हैं वह उन्हें लकड़ियां ले जाने से मना करते हैं। उन्होंने कई बार गैस सिलिंडर के लिए फॉर्म भी भरा, लेकिन कुछ नहीं हुआ। काशीराम शंकर का कहना है कि वह सिलिंडर के लिए एजेंसी भी जाते हैं।
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उनसे कहा जाता है कि उनका सिलिंडर तो निकल गया है। पर काशीराम के अनुसार उनके घर तक नहीं पहुँचता। उनका आरोप है कि उनके मोहल्ले में ऐसे 10 लोग हैं जिन्हें सिलिंडर की पासबुक दी हुई है। लेकिन उन्हें कभी भी सिलिंडर नहीं मिला। वह कहते हैं कि उनके गैस सिलिंडर को किसी और को दे दिया जाता है। अगर उन्हें सिलिंडर नहीं मिला तो वह आगे कार्यवाही भी करवाएंगे।
पुत्ती आदिवासी का कहना है कि उनके मोहल्ले में तकरीबन 50 से 60 आदिवासी रहते हैं। जिनमे से सिर्फ चार लोगों को गैस सिलिंडर मिले हैं। वह भी बस यही चाहते हैं कि जिस तरह से सरकार योजनाओं की बात करती है। उन्हें भी उन योजनाओं का लाभ मिले।