खबर लहरिया Blog टीकमगढ़: लॉकडाउन के कारण नहीं हो रही सब्ज़ियों की बिक्री वहीं बारिश से फसलें हुईं चौपट

टीकमगढ़: लॉकडाउन के कारण नहीं हो रही सब्ज़ियों की बिक्री वहीं बारिश से फसलें हुईं चौपट

मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ ज़िले में सब्ज़ी विक्रेता लॉकडाउन के कारण कई परेशानियों का सामना कर रहे हैं। उनका कहना है कि रोज़ाना न ही उनकी हज़ारों रूपए की सब्ज़ियां बर्बाद हो रही हैं बल्कि बिक्री न होने कारण वो घाटे में भी जा रहे हैं।

farmer image by khabar lahariyaकोरोना का कहर हर क्षेत्र के लोगों के साथ-साथ सब्ज़ी विक्रेताओं को भी जम कर झेलना पड़ रहा है। मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ ज़िले में सब्ज़ी विक्रेता लॉकडाउन के कारण कई परेशानियों का सामना कर रहे हैं। उनका कहना है कि रोज़ाना न ही उनकी हज़ारों रूपए की सब्ज़ियां बर्बाद हो रही हैं बल्कि बिक्री न होने कारण वो घाटे में भी जा रहे हैं।

कुछ ही घंटों के लिए फल-सब्ज़ी बेचने की मिली है अनुमति-

टीकमगढ़ ज़िले के गाँव महाराजपुरा के मुकेश चढ़ार का कहना है कि वो अपने सब्ज़ी के ठेले पर सभी चीज़ें रोज़ाना लगाते हैं जैसे टमाटर, लौकी, हरी मिर्च लेकिन लॉकडाउन होने के कारण कोई खरीद नहीं होती है। उन्होंने बताया कि सभी विक्रेताओं को सुबह 6 बजे से 10 बजे तक का समय मिलता है और सिर्फ इस समय के बीच ही उन्हें फल-सब्ज़ी बेचने की अनुमति मिलती है लेकिन इतनी देर में कोई बिक्री नहीं हो पाती। मुकेश का कहना है कि गाँव में सब्ज़ियों की खरीद न होने के कारण अब ज़्यादातर सब्ज़ी विक्रेता अपना सामान टीकमगढ़ बेचने जा रहे हैं।

लेकिन जिन लोगों के पास शहर जाने के पैसे नहीं हैं उन लोगों की सारी सब्ज़ियां खराब हो जा रही हैं। गाँव में सब्ज़ियां न बिकने का कारण बताते हुए मुकेश ने बताया कि ज़्यादातर किसान अपने खेतों में उगाई गयी सब्ज़ियों का ही सेवन कर रहे हैं और आसपास के घरों, मोहल्लों में भी सप्लाई कर दे रहे हैं, जिसके चलते रोड पर सब्ज़ी बेच रहे लोगों की बिक्री नहीं हो पा रही। उन्होंने भी अपने खेत में 30 से 40 हजार की लागत से सब्ज़ियों की खेती करी थी लेकिन लगातार दो-तीन दिन से हो रही बारिश ने टमाटर और कई अन्य फसलों को बर्बाद कर दिया है।

बारिश ने की टमाटर की फसल बर्बाद-

tomato image by khabar lahariyaइसी गाँव की रहने वाली सोमवती ने बताया कि उनके खेत में भी भिंडी, टमाटर, लौकी, धनिया समेत कई अन्य सब्ज़ियां लगी हुई हैं लेकिन आधी से ज़्यादा सब्ज़ियां बारिश के चलते खराब हो चुकी हैं और जो फसल बच गयी थी उसे भी बारिश के कारण बाहर जाकर बेचना मुश्किल हो गया है। बारिश ने टमाटर की फैसला को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है। गाँव महाराजपुरा की ही सुखवती का कहना है कि इससे पहले कभी मई के महीने में ऐसी बारिश नहीं हुई और इस महीने में सब्ज़ी की खेती बहुत अच्छी होती थी लेकिन इन दो सालों से फल-सब्ज़ी का व्यापार पूरी तरह से चौपट हो गया है।

लॉकडाउन चलने के कारण वैसे ही सब्ज़ियां बिकने में दिक्कत हो रही थी और अब बारिश ने बिक्री ठप्प कर दी है। उनका कहना है कि कोरोना महामारी अगर ऐसे ही चलती रही तो उनका पूरा धंधा बेकार हो जाएगा, जिसका मुआवज़ा सबसे ज़्यादा गरीब किसानों को ही उठाना पड़ेगा।

कोरोना संक्रमण के चलते ग्रामीणों को करना होगा बचाव-

टीकमगढ़ ज़िले के एस डी एम सौरभ मिश्रा का कहना है कि ज़िले में एक बार फिर से कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर तेज़ी से फ़ैल रही है जिसको मद्देनज़र रखते हुए जिला कलेक्टर के निर्देशन में धरा 144 लगा दी गयी थी। सौरभ मिश्रा का कहना है कि जिन किसानों को सब्ज़ियों की बिक्री करने में परेशानी हो रही है वो चाहें तो आड़त पर जाकर थोक में सब्ज़ी बेच सकते हैं। लेकिन जिन लोगों को ठेले पर या टोकरी में सब्ज़ी बेचनी है उनको सुबह 6 बजे से 10 बजे के बीच ही बेचना पड़ेगा। उनका कहना है कि वो मानते है कि ग्रामीणों को परेशानी तो हो रही है लेकिन इस समय कोरोना संक्रमण से बचाव करना भी बहुत ज़रूरी है।

सौरभ मिश्रा ने बताया कि कई लोग शहरों से वापस आ रहे हैं जिसके कारण ग्राम पंचायतों में अब बहुत तेज़ी से कोरोना के मरीज़ आने लग गए हैं, इसलिए अभी कुछ दिन लॉकडाउन लगाना और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना बहुत ज़रूरी है। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि किसान चाहें तो शहर में भी आकर फल-सब्ज़ियों की बिक्री कर सकते हैं।लेकिन ज़रूरी है कई वो कोरोना के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए सब्ज़ियां बेचें। उनका यह भी कहना है कि अगर किसानों की सब्ज़ियां खराब हो रही हैं, तो लोगों को आकर उनके पास इसकी शिकायत करनी चाहिए, ताकि इस समस्या का कोई हल निकाला जा सके।

इस खबर को खबर लहरिया के लिए रीना द्वारा रिपोर्ट किया गया है।

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