वृद्धावस्था पेंशन का लाभ आज भी यूपी के कई गाँवों को नहीं मिल पा रही है। जिसकी सबसे बड़ी समस्या जानकारी की पहुंच और साधन की कमी है।
सरकार द्वारा बुज़ुर्ग लोगों की सहायता के लिए वृद्धवस्था पेंशन की शुरुआत की गयी थी। ताकि वह अपनी ज़रुरत की चीज़ें योजना से मिलने वाले लाभ के ज़रिये पूरा कर सके। कई लोगों को पेंशन का लाभ मिला तो कई लोग ऐसे भी थे जिसे कभी योजना से कोई फायदा ही नहीं मिला। ऐसी ही समस्या टीकमगढ़ जिले के ग्राम पंचायत में सामने आयी है। ग्राम पंचायत लार बस्ती के लोगों की शिकायत है कि उन्हें कभी-भी वृद्धवस्था पेंशन नहीं मिली।
पेंशन होती तो गुज़ारा हो जाता
ग्राम पंचायत लार बस्ती में रहने वाले बुज़ुर्ग कमला अहिरवार कहते हैं, उन्हें कभी वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिली। मिलती तो वह अपना इलाज कराते। बुढ़ापे में सेहत भी अच्छी नहीं रहती। इसलिए वह अपनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए मज़दूरी भी नहीं कर सकते। अगर पेंशन मिल जाती तो गुज़ारा हो जाता और खाने-पीने की भी परेशानी ना होती।
60 साल के रत्न अहिरवार कहते हैं, उनके पास तो बीपीएल ( बिलो पॉवर्टी लाइन यानी गरीबी रेखा से नीचे) कार्ड भी है। उसके बावजूद भी उन्हें पेंशन नहीं मिलती। वह जंगल से लकड़ियां काटकर बेचते हैं, जिससे उनका थोड़ा-बहुत गुज़ारा हो पाता है। उनके बच्चे भी मज़दूरी करके अपने बच्चों का भरन-पोषण करते हैं। वह कहते हैं कि ऐसे में उनका बेटा उसके बच्चों के लिए करे या फिर उनके लिए। इसमें बहुत परेशानी रहती है। सरपंच से कहते हैं तो वह यह कह देते हैं कि पेंशन मिलने की अभी उनकी उम्र ही नहीं हुई है। अब वह शिकायत करे भी तो कहां, यह भी उन्हें नहीं मालूम। अब तो सरकार से उनका यही निवेदन है कि उन्हें पेंशन दी जाये ताकि वह अपना गुज़ारा उन्हीं पैसों से कर सकें।
गाँव के कन्हैया अहिरवार दिव्यांग है। परिवार में तीन बच्चे हैं। दिव्यांग होने की वजह से वह मज़दूरी नहीं कर पाते, इसलिए पत्नी मज़दूरी करती है। जब उन्होंने सरपंच से पेंशन कार्ड बनवाने को कहा था तो यह आश्वाशन दिया गया कि उन्हें जल्द ही पेंशन मिलेगी। लेकिन अभी तक नहीं मिली।
सरपंच ने कहा सबको मिलती है पेंशन
खबर लहरिया की रिपोर्टर ने पेंशन के मामले में ग्राम पंचायत लार के सरपंच गौरव सोनी से बात की थी। गौरव का कहना है कि कन्हैया अहिरवार को फरवरी में दिव्यांग पेंशन मिलने की मंज़ूरी मिल गयी है और उसके खाते में पैसे भी डाल दिए गए हैं। वहीं सरपंच के अनुसार कमला अहिरवार द्वारा पेंशन ना मिलने का उन पर झूठा इल्ज़ाम लगाया जा रहा है। जबकि उन्हें पेंशन दी जाती है। जहां बात रह गयी रत्न अहिरवार की तो बीपीएल कार्ड होने के बाद भी उसे पेंशन इसलिए नहीं मिल रही क्यूंकि वोटर सूची में उनकी उम्र कम लिखी हुई है। जब पेंशन के हिसाब से रत्न की उम्र पूरी हो जायेगी तो उसका भी पेंशन लगवा दिया जाएगा।
वह यह भी कहते हैं कि उनके गांव में तकरीबन 20 से 25 लोग ऐसे हैं जिनके पास बीपीएल कार्ड नहीं है और इसी वजह से उन्हें वृद्धा पेंशन नहीं मिल पा रही है। साथ ही गाँव के 400 लोगों को पेंशन की सुविधा मिल रही है जिसमें कुछ विधवा और दिव्यांग पेंशन भी हैं। इसके अलावा जिनके पास बीपीएल कार्ड नहीं है उनके भी फॉर्म भरवाकर तहसील कार्यालय में जमा कराया जाएगा। उच्च अधिकारीयों के आदेश अनुसार उनके बीपीएल कार्ड बनवाये जाएंगे।
ग्राम पंचायत लार के सचिव महेंद्र तिवारी का कहना है कि उनकी नियुक्ति कुछ महीने पहले ही हुई है। इसलिए उन्हें मामले की पूरी तरह जानकारी नहीं। पर जो समस्या है उसका निपटारा किया जाएगा।
लेकिन सवाल यह है कि अगर लोगों को पेंशन मिल रही होती तो लोग झूठा आरोप क्यों लगाते ? जहां तक बात रही पेंशन के लिए बीपीएल कार्ड बनवाने की। तो यह कब तक बनवाये जाएंगे? जानिए आप कैसे पा सकतें हैं वृद्धावस्था पेंशन का लाभ:-
उत्तर प्रदेश वृद्धावस्था पेंशन योजना
इस योजना की शुरुआत सरकार द्वारा सीनियर सिटिज़न को प्रोत्साहन राशि देने के लिए की गयी। इसमें तीन योजनायें जुड़ी हुई हैं, वह हैं :-
– यूपी वृद्धावस्था पेंशन योजना
इस योजना के तहत, उत्तर प्रदेश राज्य में रहने वाले पुराने लोगों को हर महीने 800 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। पहले लोगों को 750 रूपये दिए जाते थे।
– यूपी विधवा पेंशन योजना
इस योजना के तहत सरकार विधवा महिलाओं को 500 रूपये महीना देती है।
– यूपी विकलांग पेंशन योजना
इसमें दिव्यांगों को 500 रुपये प्रतिमाह दिए जाते हैं। इस योजना का लाभ पाने के लिए व्यक्ति का 40 प्रतिशत दिव्यांग होना ज़रूरी है। आवेदक के पास शहर या जिला अस्पताल या योजना के किसी भी संबंधित अधिकारी द्वारा सत्यापित 40% विकलांगता (दिव्यांगता) होनी चाहिए।
उत्तर प्रदेश वृद्धावस्था पेंशन योजना के लाभ
– वरिष्ठ नागरिकों को मासिक आधार पर वित्तीय भत्ता प्रदान किया जाएगा।
– राशि को सीधा बैंक खाते में जमा किया जाएगा।
– राज्य में रहने वाले बुजुर्गों की विभिन्न श्रेणियों के लिए अलग-अलग पेंशन योजनाएं प्रदान की जाती हैं।
उत्तर प्रदेश वृद्धावस्था पेंशन योजना के लिए पात्रता
– उत्तर प्रदेश राज्य का निवासी हो।
– आवेदक जो गरीबी रेखा से नीचे के समूह का हो।
– बीपीएल का प्रमाण पत्र होना चाहिए।
– समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से होना चाहिए ( पिछड़ा वर्ग)।
उत्तर प्रदेश वृद्धावस्था पेंशन योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज़
– जन्म / आयु प्रमाण पत्र
– पहचान प्रमाण जैसे कि
वोटर आई.डी.
आधार कार्ड
राशन कार्ड
– बैंक पासबुक
– आय प्रमाण पत्र
– पति का मृत्यु प्रमाण पत्र ( विधवा पेंशन योजना के लिए)
– विकलांगता प्रमाण पत्र ( दिव्यांग पेंशन योजना के लिए)
उत्तर प्रदेश वृद्धावस्था पेंशन योजना के लिए इस तरह से करें आवेदन
– सबसे पहले आप इस http://sspy-up.gov.in/IndexOAP.aspx आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
– ऑनलाइन आवेदन लिखे गए विकल्प पर क्लिक करें।
– फिर उसके बाद न्यू पेंशनर पंजीकरण के लिए नए प्रवेश फॉर्म पर क्लिक करें और मांगी गयी जानकारी भरें।
– उपर्युक्त सभी दस्तावेज अपलोड करें।
– ‘सुरक्षित करें’ पर क्लिक करें।
– पंजीकरण संख्या के साथ एक पंजीकरण पर्ची स्क्रीन पर आएगी। आगे के लिए उसकी एक फोटोकॉपी निकालकर अपने पास रख लें।
– आवेदन पत्र स्वचालित रूप से डीएसडब्ल्यूओ / डीपीओ / डीएचडब्ल्यूओ को भेज देगा।
– आपको अंतिम रूप से आवेदन पत्र जमा करने की तारीख से एक महीने के अंदर इसे भौतिक रूप से डीएसडब्ल्यूओ / डीपीओ / डीएचडब्ल्यूओ कार्यालय में जमा करना होगा।
– सबमिट करने के बाद, आपको संबंधित कार्यालय से कंप्यूटर से निकली हुई रसीद मिलेगी।
आप समाज कल्याण विभाग के टोल फ्री नंबर पर संपर्क करके अपनी समस्या का समाधान भी कर सकते हैं। समाज कल्याण विभाग का टोल फ्री नंबर 18004190001 है।
वैसे तो डिजिटल रूप में योजना से जुड़ी हुई सारी चीज़ें वेबसाइट पर मौजूद हैं। लेकिन ऐसे कई गाँ हैं, जिनकी पहुँच ना तो जानकरी तक है और ना ही इंटरनेट सेवाओं तक। वहीं जिन्हें जानकारी है तो उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल रहा। ऐसे में लोगों तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुँचाने की भूमिका किसकी है?
इस खबर को खबर लहरिया के लिए रीना द्वारा रिपोर्ट किया गया है।