सरकार द्वारा शिक्षा के नाम पर शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों में भी स्कूलों का निर्माण कराया जाता है जिससे बच्चों को शिक्षा प्राप्त हो सके। और देश आगे बड़े कोई भी शिक्षा से वंचित ना रहे। लेकिन मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले की पलेरा बीआरसी के अंतर्गत आने वाले ग्राम पठारी के पतारे खिरक के प्राथमिक शाला विद्यालय में शिक्षक के शराब के नशे में आने का मामला सामने आया है और इसका वीडियो भी खूब वायरल हो रहा है।
ग्रामीणों का आरोप है कि शनिवार यानी 5 नवम्बर को पतारे खिरक प्राथमिक शाला विद्यालय में पदस्थ राजकुमार कुशवाहा शराब के नशे में आये। यह सिर्फ एक दिन या एक तारीख की बात नहीं है लगभग हर दिन देखने को मिलता है। जब शिक्षा के मंदिर में शिक्षक इस तरह से आएंगे तो कैसे बच्चों का भविष्य सुधरेगा? और कैसे देश आगे बढ़ेगा?
ये भी देखें – दलित महिलाओं व लड़कियों के लिए काम कर रहा सहजनी शिक्षा केंद्र
आरोप लगाते हुए आगे कहा कि हम लोगों के पास इतनी आय नहीं है। हम लोग किसान आदमी हैं और मजदूरी करके भरण पोषण करते हैं। हम लोग प्राइवेट स्कूलों में कैसे पढ़ा सकते हैं। जब सरकार द्वारा बच्चों की भविष्य सुधारने की बात हो रही है तो ऐसे में टीचर का यह रवैया सही नहीं है। उनका कहना है कि हम लोग चाहते हैं कि ऐसे टीचरों को यहां से सस्पेंड कराया जाए और नए टीचर पदस्थ किए जाएं। जिससे बच्चों का भविष्य सुधर सके।
ये भी देखें – चित्रकूट: शिक्षा के मंदिर में बच्चों के साथ छुआछूत का आरोप
जब इस बारे में स्कूल में बच्चों से बात की गई थी बच्चों का कहना है कि हमारे स्कूल में दोस्त टीचर है राजकुमार कुशवाहा जी हैं जो हमेशा शराब के नशे में स्कूल आते हैं और हम लोगों को पढ़ाते भी नहीं है उनका कहना है कि एक टीचर है कितने बच्चों को पढ़ा सकें और दूसरे वाले शराब के नशे में रहते हैं उनका कहना है कि अभी शनिवार को भी शराब के नशे में आए हुए थे और बड़े टीचर किसी काम से बाहर गए हुए थे और यहां पर शराब पीकर आए थे बच्चियों का आरोप है कि हम लोगों से अद्भुतता से बात करते हैं शराब के नशे में इसलिए हम लोग चाहते हैं कि हमारे स्कूल में दूसरे टीचर नए पदस्थ किए जाएं जिससे हम लोग अपना भविष्य सुधर सके।
भानु प्रकाश श्रीवास्तव पलेरा बी आर सी सी का कहना है कि जांच की जा रही है रिपोर्ट आ जाएगी इसके बाद कार्यवाही की जाएगी। अभी इस मामले में कुछ कह नहीं सकते
राजकुमार टीचर (जिन पर आरोप लगा है) ने कहा वह शराब पीकर स्कुल नहीं आते उनका नौगांव से इलाज चल रहा है वह दवा नशा करती है तो वह थोड़ी देर लेट जाते हैं। ताकि नॉर्मल हो सकें। आगे विभाग जाँच कर रहा है।
ये भी देखें – शिक्षा तोड़ सकती है गरीबी की ज़ंजीर – मैं भी पत्रकार सीरीज़
‘यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’