गलाघोंटू बीमारी अब टीकमगढ़ जिले के जतारा ब्लॉक, ग्राम मातौल के मवेशियों में भी पायी गयी है। इससे पहले मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बाँदा जिले के एक गांव भी गलाघोंटू बीमारी से तीन बच्चों की मौत होने की खबर सामने आयी थी।
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मातौल ग्राम पंचायत के निवासी ओमप्रकाश शुक्ला के अनुसार तकरीबन दो हफ्ते से यह बीमारी जानवरों में फैली हुई। दम घुटने की वजह से अभी तक कई मवेशियों की जानें जा चुकी है। आगे कहा कि यूँ तो बीमारी हर साल फैलती है। उन्हें समय से वैक्सीन लग जाती थी लेकिन अब गलाघोंटू बीमारी पूरी तरह से फ़ैल चुकी है। डॉक्टर को बुलाते हैं तो वह आते हैं लेकिन तब तक जानवरों की मौत हो जाती है।
स्थानीय लोगों द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार, गलाघोंटू बीमारी से अभी तक 10 मवेशियों की जान चुकी है। इसमें गाय,भैंस, छोटे बछड़े सब शामिल है। जो बीमार है उनका डॉक्टरों द्वारा इलाज किया जा रहा है।
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गलाघोंटू बीमारी का मवेशियों में लक्षण
गलाघोंटू बीमारी 24 घंटे में फैलती है। इसके लक्षण में गले का सूझना, मुंह से लार आना, न खाना चबा और न पानी पी पाना शामिल है। अगर 24 घंटे से पहले उन्हें दवा मिल जाए तो वह ठीक हो जाएंगे नहीं तो उनकी मौत हो जाती है।
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