जिला झांसी रानी लक्ष्मीबाई के किले के पास में बुंदेलखंड सहित महोत्सव 28 तारीख से लेकर के 1 मार्च तक मनाया गया है यह 3 दिन का साहित्य महोत्सव था
जिसमें किसान भाइयों को ज्यादातर खेती को लेकर के सुझाव दिए गए हैं और किसान भाइयों का कहना है कि हम लोगों को कुछ समझ में नहीं आया है कि यह सहित महोत्सव कैसा है सहित महोत्सव मैं तो कई तरह की जानकारियां मिलती हैं पर ऐसा यहां पर कुछ नहीं है उसी जगह कुछ-कुछ किसान भाइयों का कहना है कि हां इसमें हम लोगों को खेती के बारे में सिखाया जा रहा है
और बताया जा रहा है कि खेती की दुगनी आए कैसे करना है तो इसमें हम लोगों की समझ में आ रहा है और इसमें दूर-दूर संस्थाओं से लोग आए हैं और सहित महोत्सव में भाग लिया है और जो खेती का करने का कार्यक्रम होता है तो उसे नाटक द्वारा भी बताया गया है कि खेती को कैसे करना है और खेती की उत्पन्न नी उत्पादन में ज्यादातर तीली को लेकर के बढ़ावा दिया गया है
कि तिलहन की खेती ज्यादा से ज्यादा लोग करें और उसी जगह काफी संस्थाओं से लोग आए हैं तो उन्हें बुंदेलखंड साहित्य महोत्सव में काफी दूर-दूर से लोग आए हैं और उन लोगों ने साहित्य महोत्सव में काफी जानकारियां दी हैं पर जैसा कि जो उसमें लिखा गया था कि दूर-दूर से संस्थाओं से लोग आ रहे हैं और कला भी दिखाएंगे कई प्रकार के पर ऐसा बुंदेलखंड साहित्य महोत्सव में कुछ भी नहीं था
और जो कहते हैं कि शायद महोत्सव में कई प्रकार के सेल भी लगते हैं पर वहां पर कुछ भी सेल नहीं लगे हुए थे ज्यादातर संख्या में लोग नहीं थे वहां पर करीब दो-तीन संख्या में लोग 3 दिन आए हैं इतने से ज्यादा लोग नहीं आए हैं पर किसानों का कहना है कि हमें बुंदेलखंड साहित्य महोत्सव का पता जो ब्लॉक के अधिकारी होते हैं इन लोगों ने जानकारियां दी है
तो इनके द्वारा हमें इसकी जानकारी मिली है और हमारे झांसी मंडल ने कभी साहित्य महोत्सव नहीं मनाया गया है पहली बार यह बुंदेलखंड साहित्य महोत्सव मनाया गया है और वहां एक फिल्मी बनाने वाले सिनेमा बनाते हैं जो भी वहां पर आए हैं तो उन्हें हेमा को लेकर के काफी जानकारियां दी हैं कि शनैबा किस तरीके से चलाना है तो उसी जगह सिनेमा को लेकर के लोग सुझाव दे रहे थे और कुछ ले भी रहे थे सुझाव इस प्रकार से साहित्य महोत्सव मनाया गया ह
साहित्य महोत्सव में जो महिलाएं आए हैं तो उनका कहना है कि हम लोगों ने बहुत खुशी हो रही है कि जो कि हमारे झांसी मंडल में साहित्य महोत्सव मनाया गया है और हमने इसे साहित्य महोत्सव में तीनों दिन जो लगातार चलता रहा है उसमें भाग भी लिया है और बहुत अच्छा लगा है और जो कलाकार थे वहां पर तो उनमें जो किताबें बनाई हैं तू ज्यादातर वहां पर किताबों का ही सेल चल रहा था और इसके अलावा और वहां कुछ नहीं था किताबें ही लोग किसान लोग खरीद रहे थे जान रहे थे