वाराणसी के जिला अधिकारी कौशल राज शर्मा ने सर सुंदरलाल अस्पताल का 18 मई 2021 दिन मंगलवार को निरीक्षण किया है और वहां पर बच्चों के लिए कई स्वास्थ्य सेवाओं को उपलब्ध कराने का काम शुरू करवाया है।
पूरे देश की तरह उत्तर प्रदेश के वाराणसी ज़िले में भी कोरोना का कहर दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। यहाँ लोग कोरोना महामारी से इतना डरे हुए हैं कि अपनों का अंतिम संस्कार करने में भी कतरा रहे हैं। जहाँ अभी हम कोविड-19 की दूसरी लहर से ही लड़ रहे हैं वहीँ अब वैज्ञानिकों ने दावा कर दिया है कि कोरोना की तीसरी लहर भी अब दूर नहीं। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि इस तीसरी लहर की चपेट में सबसे ज़्यादा बच्चे आने वाले हैं। वाराणसी प्रशासन ने इस तीसरी लहर को मद्देनज़र रखते हुए तैयारियां अभी से शुरू कर दी हैं।
डीएम ने किया अस्पतालों का निरीक्षण-
वाराणसी के जिला अधिकारी कौशल राज शर्मा ने सर सुंदरलाल अस्पताल का 18 मई 2021 दिन मंगलवार को निरीक्षण किया है और वहां पर बच्चों के लिए कई स्वास्थ्य सेवाओं को उपलब्ध कराने का काम शुरू करवाया है। कौशल शर्मा का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों को सबसे ज़्यादा खतरा होने की आशंका है, ऐसे में ज़रूरी है कि अभी से उनके बचाव के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारना शुरू कर दिया जाए ताकि ज़रुरत पड़ने पर किसी को भी परेशानी न हो। उन्होंने बताया कि ज़िले के कई अस्पतालों में पीआईसीयू (पीडिएट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट) जहाँ गंभीर
बच्चों को इलाज और वेंटीलेटर की सुविधा मिल सके, और एनआईसीयू (निओ नेटल इंटेंसिव केयर यूनिट) की सुविधा के साथ-साथ बेड का मूल्याकंन भी किया गया है। उनका कहना है कि कुछ ही दिनों में और भी कई सुविधाओं को शहर के अस्पतालों में लाया जाएगा।
चिल्ड्रन वार्ड में हर बेड पर होगी ऑक्सीजन की सुविधा-
ज़िले के सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ निजी अस्पतालों के चिल्ड्रन वार्ड में भी हर बेड पर ऑक्सीजन दिलाने के लिए भी काम शुरू कर दिया गया है। बता दें कि मंडलीय अस्पताल में 20 बेड के चिल्ड्रन वार्ड में पहले से ही आक्सीजन पाइप लाइन लगी हुई है और अब इसे नए लगने वाले आक्सीजन प्लांट से जोड़ा जाएगा जिससे गंभीर स्थिति में बच्चों को इलाज के दौरान पूरी ऑक्सीजन आपूर्ति मिल सके।
मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को मद्देनज़र रखते हुए बच्चों के इलाज की व्यवस्था को लेकर प्रशासन अब काफी सक्रीय हो गया है। उन्होंने बताया कि बाल रोग विभाग में भी अब बेडों की संख्या बढ़ाई जा रही है। उनका कहना है कि यहाँ वर्तमान में पीआईसीयू और एनआईसीयू में कुल 48 बेड मौजूद हैं। इसके साथ ही सुपरस्पेशलिटी काम्प्लेक्स में भी 54 बेड बच्चों के कोविड वार्ड में हैं।
खरीदे जाएंगे नए उपकरण-
बाल रोग विभाग के डाक्टर सौरभ सिंह का कहना है कि आईसीयू और अन्य सभी जगहों का निरीक्षण कर सारी व्यवस्थाओं को सुधारा जाएगा और जल्द ही उपकरणों को भी खरीदा जाएगा। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद विभाग के कुछ वार्डों को भी कोविड वार्ड बनाने का फैसला लिया गया है और यहाँ 40 बेड लगवाए जाएंगे। इसके अलावा जिला महिला अस्पताल में बने एनआईसीयू वार्ड में भी सारी सुविधाएं दुरुस्त कराई जा रही हैं। और बीएचयू और महिला अस्पताल मे बनकर तैयार एमसीएच (मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य) विगं को भी जल्द से जल्द शुरू कराया जा सकता है।
प्रशासन के फैसले से खुश हैं ज़िले के लोग-
वाराणसी प्रशासन के इस फैसले से शहर और गाँव के लोग काफी खुश हैं। उनका कहना है कि आने वाले समय में बच्चों को खतरा हो सकता है इसलिए ज़रूरी है कि अभी से उनके लिए सुविधाएं उपलब्ध करा दी जाएँ। फुलपुर गाँव की नेहा का कहना है कि अभी तब वृद्ध और युवाओं को कोरोना महामारी से सबसे ज़्यादा खतरा था लेकिन जैसा सुनने में आ रहा कि तीसरी लहर में बच्चों को खतरा है, जिसके कारण अब इस माहमारी से लोगों को और डर लग रहा है। नेहा का कहना है कि अभी जब लोग ऑक्सीजन की कमी से दम तोड़ रहे हैं और स्वास्थ्य विभाग कुछ नहीं कर पा रहा है लेकिन अगर हमने अभी से तैयारी शुरू कर दी तो शायद तीसरी लहर में लोगों और खासकर बच्चों की जान बच सके।
इसी गाँव की ममता का कहना है कि जिन घरों में छोटे बच्चे हैं, वो लोग तो अभी से अपने बच्चों को अस्पताल ले जाने से डरते हैं कि कहीं उन्हें कोरोना न हो जाए। लेकिन अगर आगे चलकर बच्चे ही भारी मात्रा में संक्रमित होने लगे तब तो सभी की परेशानियां बढ़ जाएंगी। रुस्तमपुर गाँव के मनोज का कहना है कि बच्चे तो इतना मना करने के बावजूद मानते भी नहीं हैं और बाहर खेलने-कूदने के लिए निकल जाते हैं। ऐसे में अगर संक्रमण बच्चों में फैलने लग गया तो पूरा देश संकट में आ जाएगा। उनका कहना है कि सभी ज़िलों को अभी से तैयारी शुरू कर देनी चाहिए ताकि जो हाल दोबारा से देश में देखने को मिल रहा है, वो तीसरी बार न दिखे और सभी की जानें बच सकें।
वाराणसी प्रशासन का बच्चों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने का यह फैसला बहुत ही अहम और महत्वपूर्ण माना जा रहा है। राज्य और केंद्र सरकार को भी कोरोना की तीसरी लहर से बचाव करने के लिए हर शहर के स्वास्थ्य विभाग को दुरुस्त करने का काम शुरू कर देना चाहिए।
इस खबर को खबर लहरिया के लिए सुशीला द्वारा रिपोर्ट किया गया है।
कोविड से जुड़ी जानकारी के लिए ( यहां ) क्लिक करें।