छत्तीसगढ़ की पहली ट्रांसजेंडर एडवोकेट ने समाज की बंद मानसिकताओं, भेदभाव और कठिनाइयों के बीच जिस हिम्मत और लगन से अपने सपनों को साकार किया, वह अपने आप में एक मिसाल है। उनका जीवन संघर्षों से भरा रहा—कभी परिवार की अस्वीकृति, कभी समाज की उपेक्षा, और कभी शिक्षा में भेदभाव—but उन्होंने हार नहीं मानी।
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