हम आमतौर पर उसी जगह रहना पसंद करते हैं, जहां का वातारवण साफ़–सुंदर और शांति भरा हो, क्यों ? लेकिन अगर इसकी जगह आपको सिर्फ बदबू की सुगंध आये तो क्या आप ऐसी किसी जगह पर रह पाएंगे ? नहीं ना ? इसका मतलब तो यही है कि सबको साफ़ और बीमारी मुक्त वातारवण में रहने का हक़ है। लेकिन चित्रकूट जिले के ब्लॉक कर्वी के बंधोइन गांव के लोग ना चाह कर भी दूषित भरे वातावरण में रहने को मज़बूर है।
मृत जानवरों को नदी किनारे फेंकने से पानी हुआ दूषित, फैली बदबू
गाँव के लोगों का कहना कि लगभग एक महीने से नगर पालिका की गाड़ी गाँव में आती है और मरे हुए जानवरों को नदी के किनारे फेंक कर चली जाती है। जिन लोगों के घर नदी के किनारे बसे हुए हैं, उनका बदबू से बुरा हाल है। लोगों का कहना है कि बदबू इतनी ज़्यादा होती है कि वह अपने घरों में भी नहीं रह पातें। गांव के राम प्रकाश, राम किशोर,जगदीश प्रसाद,गीता ,जगपतिया ,दिपा ,चुन्नीलाल निशाद ,मुन्नीलाल निशाद आदि लोगों ने बताया कि दुर्गंध की वजह से ना तो वह आराम से खाना खा पाते हैं और ना ही कोई दूसरा काम कर पाते हैं। लोगो का कहना है कि नदी में लोग नहाते है, कपड़े धोते हैं और बच्चे भी वहीं खेलते हैं। ऐसे में नदी के किनारे मरे हुए जानवर के होने की वजह से बीमारी होने का खतरा बढ़ गया है।
लोगों के अनुसार उन्होंने कई बार नगर पालिका से भी कहा कि वह मरे हुए जानवरों को नदी के किनारे ना फेंके। कहने के बावजूद भी नगर पालिका द्वारा लोगों की बातों को अनसुना कर दिया गया और जानवरों को नदी के किनारे ही फेंका गया। लोगों द्वारा प्रधान से समस्या को लेकर बात की गयी। फिर भी उसका कोई हल नहीं निकला।
प्रधान ने कहा, मना करने पर भी नगर पालिका नहीं मानती
बंधोइन गाँव के प्रधान गोविन्द का कहना है कि उन्होंने कई बार नगर पालिका वालों से जानवरों को नदी के पास फेंकने के लिए मना भी किया था। लेकिन नगर पालिका वालों ने उनकी भी बात नहीं सुनी। उन्होंने अध्यक्ष से भी शकायत की, फिर भी कुछ हल नहीं निकला।
नगरपालिका अधिशासी ने कहा, नगर पालिका को किया जायेगा मना
नगरपालिका अधिशासी अभियंता नरेन्द्र मोहन मिश्र का कहना है कि उन्हें लोगों की समस्या के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। अब जब मामला उनके संज्ञान में आ गया है तो उनके द्वारा नगर पालिका को नदी के किनारे मरे हुए जानवरों को फेंकने के लिए मना कर दिया जाएगा।
नगर पालिका अधिशासी की बात को कब तक माना जाता है, यह कहा नहीं जा सकता। लेकिन साफ़ और बीमारी मुक्त वातारवण में रहने का सबका अधिकार है। जिसे उपलब्ध कराना सबका कर्तव्य है।