जानिये उदयगिरि की गुफाओं के पुरातत्व शिलालेख और इतिहास के बारे में।
मध्यप्रदेश में अनेकों ऐतिहासिक जगहें हैं जिनके इतिहास के बारे में कुछ ही लोग जानते हैं। आज हम उन ऐतिहासिक जगहों में से मध्यप्रदेश के उदयगिरि की गुफाओं के बारे में आपको बताने जा रहे हैं। जो पर्यटकों के घूमने के लिए आकर्षक और रोमांच से भरी हुई है।
उदयगिरि की गुफाओं का इतिहास
उदयगिरि की गुफाएँ भोपाल से 58 किलोमीटर की दूरी पर है। जहां तक जाने में 90 मिनट लगते हैं। यह विदिशा जिले में स्थित है। यह 20 गुप्त-युग की गुफाओं और मठों का एक समूह है। इसे एक चट्टानी पहाड़ी पर उकेरा गया है। जिसमें से एक जैन धर्म और बाकी हिंदू धर्म को समर्पित है। जिनमें से सबसे प्रमुख पांचवीं गुफा है। जो कि भगवान विष्णु की प्राचीन स्मारक प्रतिमा के लिए मशहूर है। गुफा आठ के पास से शुरू होने वाला मार्ग उदयगिरि की एक और अनूठी विशेषता को दिखाता है।
इसमें एक प्राकृतिक घाटी है जो गुफा के पूर्व से पश्चिम की ओर चलती है। यह 5वीं शताब्दी का स्मारक रॉक शेल्टर, पेट्रोग्लिफ्स, एपिग्राफ, किलेबंदी का घर है जो सभी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीन हैं।
उदयगिरि गुफाओं में मिले शिलालेख और शोधकर्ताओं के अनुसार उदयगिरि की गुफाओं का निर्माण गुप्त नरेशों द्वारा 250 से 410 ई. पूर्व के बीच कराया गया था। इसे कभी-कभी “चंद्रगुप्त गुफा में शिलालेख” या “उदयगिरी के चंद्रगुप्त शिलालेख” के रूप में भी जाना जाता है। इसके अलावा उदयगिरि की गुफाओं में बाद की शताब्दियों के शिलालेख भी मौजूद है।
उदयगिरि की गुफाओं की संरचना
उदयगिरि की गुफाएँ 20 गुफाओं से मिलकर बनी एक प्राचीन संरचना है। जो की हिन्दू और जैन धर्म से संबंधित है।
गुफा संख्या 01
गुफा 1 दक्षिणी स्थान पर स्थित है। इसकी छत चट्टान के प्राकृतिक किनारे से एकीकृत है। गुफा 1 के अंदर 7 फीट वर्ग वाला एक मंडप है।
गुफा संख्या 02
गुफा 2 गुफा 1 के उत्तर में है। यह दक्षिणी तलहटी पर गुफाओं के मुख्य समूह से अलग है। इसकी सामने की दीवार टूटी हुई है। गुफा 2 लगभग 48 वर्ग फुट में है।
गुफा संख्या 03
उदयगिरि की गुफाएँ की गुफा संख्या 3 केंद्रीय समूहों की पहली गुफा है। इस गुफा में एक प्रवेश द्वार और एक गर्भगृह है। इस गुफा के अन्दर एक प्लिंथ पर एक स्कंद की पत्थर से कटी छवि बनी हुई है जिस वजह से इसे स्कंद मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
गुफा संख्या 04
इस गुफा को वीणा गुफा का नाम दिया गया था। गुफा की एक शैली बताती है कि इसे अन्य गुफाओं के साथ पूरा किया गया था। मंदिर का गर्भगृह भगवान शिव को समर्पित है, जिसमें एकमुख लिंग है। जिस पर एक चेहरा खुदा हुआ है।
ऐसे ही बाकी की गुफाओं की भी अपनी-अपनी एक विशेषता है। जिसे अगर आप खुद सामने से देखेंगे तो आपको उसके इतिहास की झलक आपके आँखों के सामने नज़र आती दिखाई देगी।
खुलने का समय
अगर आप उदयगिरि गुफाओं में घूमने जाने का प्लान बना रहें हैं तो इसके लिए आपको समय की जानकारी होना बेहद ज़रूरी है। हम आपको बता दें, उदयगिरि की गुफायें सुबह 9.00 से लेकर शाम तक 6.00 बजे तक खुली रहती है। इस दौरान आप कभी भी यहाँ घूमने आ सकते है।
साथ ही यहां प्रवेश के लिए किसी भी तरह का शुल्क या टिकट नहीं लगती।
उदयगिरी गुफाओं के आस-पास घूमने की जगह
इन गुफाओं के अलावा आस- पास घूमने के लिए कई प्रसिद्ध पर्यटक स्थल मौजूद है जहाँ आप घूमने जा सकते है। उदयगिरि गुफाओं के आस-पास सबसे प्रसिद्ध पर्यटक स्थल सांची हैं। जो उदयगिरि गुफाओं से 6 किमी दूर है। भीमबेटका जो 68 किमी दूर स्थित है, भोपाल जो 47 किमी दूर स्थित है और पचमढ़ी जो उदयगिरि गुफाओं से 136 किमी दूर स्थित है। अब इन सारी जगहों पर भी घूमने जा सकते हैं।
उदयगिरि गुफाओं में घूमने का सबसे अच्छा समय
उदयगिरि गुफाओं की यात्रा का सबसे अच्छा समय अक्टूबर-मार्च की सर्दियों के महीनों के दौरान होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि गर्मियों के महीनों में मध्य प्रदेश में बहुत गर्मी होती है और यह यात्रा करने के लिए बहुत अनुकूल नहीं है। इसके अलावा, गुफाएं अपने आप में काफी नम हो जाती हैं और गर्मी के महीनों के दौरान यह काफी असुविधाजनक हो सकती है इसीलिए सर्दियों के महीनों के दौरान गुफाओं का सबसे अच्छा अनुभव मिलता है।
उदयगिरि गुफाओं तक किस तरह पहुंचे?
हवाईजहाज से : आपको बता दें, यहां तक आने की हवाईजहाज से सीधी कनेक्टविटी नही हैं। इसके लिए आपको भोपाल के राजा भोज हवाई अड्डे के लिए फ्लाइट लेनी होगी। यह एयरपोर्ट उदयगिरी गुफाओं से सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है। जो गुफाओं से लगभग 61 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हवाई अड्डे से निकलने के बाद आप केब, टेक्सी या अन्य स्थानीय वाहनों की मदद से उदयगिरी गुफाओं तक पहुँच सकते हैं।
ट्रेन से : विदिशा रेलवे स्टेशन और साँची रेलवे स्टेशन उदयगिरी गुफाएं के दो सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है। यह गुफाओं से लगभग 6.00 और 9.00 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अगर इन दोनों रेलवे स्टेशन के लिए सीधी ट्रेन नही हों तो आप भोपाल के लिए ट्रेन ले सकते है जो भारत के सबसे प्रमुख रेलवे स्टेशनों में से एक है।
अगर आप घूमने और इतिहास के शौक़ीन है तो उदयगिरि की गुफाएँ आपकी यात्रा के लिए बेहतर विकल्प हैं। जहाँ आप प्राकृतिक सुन्दरता से घिरी इन गुफाओं में हजारों साल पुरानी पत्थर पर की कलाकृतियों को देख सकते हैं। इसके साथ ही यह शोधकर्ताओं को भी अपने इतिहास और रोचक तथ्यों की वजह से अपनी तरफ खींचता है। तो आना न भूलियेगा उदयगिरि की गुफाओं की सैर पर।
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