खबर लहरिया आ गई रे चटोरी दहीबड़े के बिना मकरसंक्रांति का मज़ा अधूरा है! आ गई रे चटोरी संक्रांति स्पेशल

दहीबड़े के बिना मकरसंक्रांति का मज़ा अधूरा है! आ गई रे चटोरी संक्रांति स्पेशल

हेलो, ,नमस्कार  ????दोस्तों ????,नया साल की ढेर सारी शुभकामनायें  आप लोगों को  दोस्तो  आ गई  रे  चटोरी के शो में  एक बार  फिर से आप सबका बहुत बहुत स्वागत है हम फिर से हाजिर हैं इस शो मे
मै कुमकुम चटोरी और हमारे साथ है नाजनी दी

कुमकुम-नाजनी दी आज आप हमारे दर्शको को क्या खिलाने वाली हो दी आज  दी कुछ अलग खाने का मन कर रहा है कुछ खट्टा कुछ मीठा सा

नाजनी दी-कुमकुम आज तुम्हे मै दही बड़ा  खिलाने वाली हू जनवरी का महीन  है और  मंकर संक्रांति भी इसी महिने आती है  इस   महीने में  लोग बहुत सारे पकवान बनाते  हैं उसमे सबसे अछ्छा मुझे लगता है दही बडा और लोग मकरसंक्रांति मे दही बडा जरूर बनाते है चाहे जितनी ठंड हो खूब खाते हैं  बुन्देलखण्ड के लोग  खूब पसंद करते हैं.

कुमकुम
वावो दी दही बडा सुनते ही मेरे मूह मे भी पानी आ गया अब जल्दी चलिए

नाज़नी
हां हां चल ही तो रहे हैं और हम जा कहा रहे हैं ये नहीं पूछोगी

कुमकुम-पता है  दी हम ललितपुर जिले में जहाँ हमारी राजकुमारी  दीदी रहती है वो हमे बनाकर दही बडे खिलाएंगी

हां तो चले राजकूमारी के यहां इतनी देर से दही बडे की बात कर कर के मूह मे पानी आ रहा है

रास्ते मे
नाज़नी
कुमकुम, दही बडे से मुझे किसी की याद आ गई ,मेरी एक सहेली है मै जब भी उससे मिलती हू वो दही बडे खाने की ही  बात करती है उसे इतने पसंद हैं कि बताते ,बताते चटकारे लेने लगती है और उसकी देखकर सबके मूंह मे पानी आ जाता है
घर आ कर परिचय

कुमकुम राजकूमारी से, सवाल दी दही बड़ा किस चीज का बनता है उसमे क्या क्या चीज़े लगती है ।
,राजकुमारी बताएगी

नाज़नी ,सवाल राजकुमारी से ,
कितना समय लगता है दही बडे बनाने मे कितनी देर भिगोने चाहिए

सवाल राजकूमारी से
दाल मे क्या क्या डालते हैं
और दार को कितनी बारीक पिसना चाहिए ,कितना भेटना चाहिए

नाजनी-कुमकुम दही बड़ा मै भी बनाती हू उर्द की दाल  के
लेकिन जब दूसरे के हांथ के खाने को मिले तो स्वाद अलग ही होता है मेहनत नहीं करनी पडती न ????

राजकुमारी    बाते करते करते बताती है सारी चीजें के बारे में पूछने पर  बताती हुये  है सारी विधि बताती हैं समान दिखाते हुए

कुमकुम , दीदी अभी कितना टाइम लगेगा तैयार होने मे
नाज़नी
कुमकुम ? हर चीज मे समय और मेहनत लगती है तुमसे तो दोनो काम ही नहीं होते न खाने का वेट और न ही मेहनत
कितनी मेहनत लगती है दही बडे मे पूछो राजकूमारी से

तो ये आज का हमारा शो खास मकरसंक्रांति पर था क्योंकि अगर मकरसंक्रांति का त्योहार हो और दही बडा न हो तो ये त्योहार अधूरा लगता है
तो हम चटोरियां कैसे रहते दही बडा बिना खाए और दर्शकों को भी खिलाएं

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ओके बाय टाटा तो फिर मिलेगे एक नयी चटपटी डिश के साथ आ गयी रे चटोरी के इस शो मे