वन विभाग की लाख कोशिशों के बावजूद पेड़ों की कटाई पर रोक नहीं लग पा रही। जिससे दिनों दिन हरा भरा वातावरण उजड़ रहा है। ऐसा ही एक मामला पन्ना जिले से सामने आया है जहाँ विश्रामगंज रेंज की माझा चौकी और बफर जोन का खजरी कुड़ारवनचौकी भी बनी हुई है। जैसा कि सभी जानते हैं कि मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में सबसे अधिक घने जंगल हैं जिसमें सागौन के पेड़ लगे हुए हैं जिससे फर्नीचर का काम एवं लकड़ी के काफी सारे प्रयोग किए जाते हैं जैसे कि पलंग, सोफे, किसान खेती से संबंधित औजार बनाने के लिए करता है लेकिन वन विभाग की बड़ी लापरवाही है जिससे आज जंगल नष्ट होते जा रहे हैं।
होली के समय पन्ना उत्तर वन मंडल में सागौन के कई पेड़ कटे हुए पड़े थे लेकिन इन वनों की कटाई कौन कर रहा है इसका खुलासा नहीं हुआ है और खुलासा होता भी है या नहीं ये कह पाना काफी मुश्किल है क्योंकि ये हर दिन की बात है जब रातोंरात पेड़ काट कर उठा लिए जाते हैं। पेड़ो का आज क्या महत्व है यह सारी दुनिया जान रही है। लेकिन पेड़ों की देखभाल बहुत कम लोग कर रहे और शायद यही वजह है कि पलक झपकते ही जंगल नष्ट होते जा रहे हैं और वन विभाग भी इस पर रोक नहीं लग पा रही है।
पेड़ बचाओ, जीवन बचाओ केवल एक नारा भर नहीं है, ये एक ज़िम्मेदारी है जिसे धरती पर रहने वाले हरेक इंसान को समझना और मानना चाहिये। पेड़ों को बचाने के द्वारा अपने स्वस्थ पर्यावरण और हरी पृथ्वी को बचाने के लिये ये हम सभी के लिये बड़ा मौका है। पेड़ धरती पर जीवन का प्रतीक है और बहुत सारे लोगों और जंगली जानवरों के लिये प्राकृतिक घर है।
हमारे जीवन में भोजन और पानी की तरह ही महत्वपूर्ण हैं। पेड़ के बिना जीवन बहुत कठिन बन जायेगा या हम कह सकते हैं कि जीवन खत्म हो जायेगा क्योंकि हमें स्वस्थ और समृद्ध जीवन देने में पेड़ का बहुत बड़ा योगदान है। पेड़ हमें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष जीवन प्रदान करता है क्योंकि ये ऑक्सीजन उत्पादन, CO2 (कार्बन डाइ आक्साइड) उपभोग का स्रोत, और बारिश का स्रोत है।
प्रकृति की तरफ से धरती पर मानवता को दिया गया ये सबसे अनमोल उपहार है जिसका हमें आभारी होना चाहिये तथा इसको सम्मान देने के साथ ही मानवता की भलाई के लिये संरक्षित करना चाहिये। लेकिन पन्ना जिले में वन विभाग के लाख दावे खोखले साबित हो रहे हैं। जहां एक ओर वन विभाग पेड़ लगाने और वनों की रक्षा करने की बात कर रहा है। वहीँ दूसरी तरफ रातों रात पेड़ों की कटाई हो रही है।
एक तरफ जहाँ सरकार लाखों करोंड़ों पेड़ लगाकर प्रकृति को हरा भरा बनाने की कोशिस कर रही है वहीँ दूसरी और पेड़ो की कटान भी जोरो पर है। अगर लोग जल्दी नहीं चेतेगे तो प्रकृति नष्ट हो जायेगी और लोगों का जीवन जीना दूभर हो जायेगा। क्योंकि पेड़ों से केवल हमें लाभ ही नहीं होता है यह वातावरण में फैले दूषित वायु को भी शुद्ध करता है। पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से बारिश का अभाव भी बना हुआ है।