जिला महोबा ब्लॉक जैतपुर कस्बा कुलपहाड़ तहसील कुलपहाड़ कोतवाली कुलपहाड़ में अक्ती त्यौहार की तैयारियां आठ दिन पहले से ही शुरू हो जाती है। इस त्यौहार की ख़ास बात यह है कि इसमें लोग कपड़े की गुड़िया बनाते हैं। कस्बे की रहने वाली मुस्कान ने बताया कि वह लोग हर साल की तरह इस साल भी कपड़े की गुड़िया बनाकर तैयार कर रहे हैं।
आक्ती के त्यौहार को लेकर लोगों का कहना है कि आज भी लोग पुरानी परंपराओं को उसी तरह से उत्साह के साथ मनाते हैं। मुस्कान गुड़िया बनाने का तरीका बताती हैं। इसके लिए पुराना कपड़ा लेना होगा। फिर उसके अंदर भूरा, कपड़ा या रुई भरकर साँचा बनाना होगा। इसके बाद गुड़िया का चेहरा बनाने के लिए सांचे में सफ़ेद कपड़ा बांधकर सुई से आँख, नाक और मुंह बनाना होगा। यह सब करने के बाद बस गुड़िया को कपड़े पहनाना होगा।
मुस्कान कहती हैं कि जब त्यौहार आता है तो वे लोग गुड़िया को लेकर बरगद के पेड़ के नीचे जाते हैं। वह अपने साथ में चने की दाल भी ले जाते हैं। इसके बाद पेड़ के नीचे वह लोग गुड्डे और गुड़िया की शादी करवाते हैं। वह आगे कहती हैं कि इसमें ज़्यादातर लड़कियां ही गुड्डे और गुड़िया की शादी करवाती हैं। जिसके पास गुड़िया बनाने का समय नहीं होता। वह बाज़ार से प्लास्टिक की गुड़िया खरीदकर लाकर शादी करवाती थीं। लेकिन इस साल उन्होंने ज़्यादा लोगों को गुड़िया बनाते हुए नहीं देखा। नहीं तो पहले लड़कियां और महिलाएं दरवाज़े के सामने गुड़िया बनाते हुए दिखाई देती थी। लेकिन इस बार महामारी की वजह से कुछ नहीं हो रहा।
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