खबर लहरिया Blog उपस्वास्थ्य केंद्रों का बुरा हाल, चिकित्सा सुविधाओं के साथ सफाई व्यवस्था भी बेहाल

उपस्वास्थ्य केंद्रों का बुरा हाल, चिकित्सा सुविधाओं के साथ सफाई व्यवस्था भी बेहाल

कई वर्षो का बना टीकमगढ़ जिले के जतारा उपस्वास्थ्य केंद्र के भवन का बुरा हाल है| ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को चिकित्सा सुविधाओं का लाभ मिलता नहीं दिख रहा है| जिससे आम लोगों को परेशानी हो रही है,  उप स्वास्थ्य केंद्रों की हालत आये दिन और बदतर होती जा रही है। इस केंद्र का भवन और भी खंडर बनता जा रहा है| उपस्वास्थ्य केंद्र में शौचालय पानी तो दूर लोगों को बैठने तक की सुविधा नहीं है और यह बात यहीं तक सिमित नहीं है, केंद्र के बाहर भी कूड़ा कचड़ा का डेढ़ लगा हुआ है|

उप स्वास्थ्य केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों में होते है| जोकि एक गाँव स्तर पर एक उपकेन्द्र होता जो लगभग 5000 लोगों को सेवाएं देता है, लेकिन इस केंद्र का किसी को लाभ नहीं मिल रहा है खुलता है पर स्वास्थ्य केंद्र में सफाई नहीं होती न लाइट कि व्यावस्था है काफ़ी गंदगी है इसी पर लाइव कर रहे हैं|

संतोष कुमार यादव का कहना है की 2016 और 2017 में सफाई कराई  थी और एसडीम को लिखित भी दिया है इसकी बाउंड्री और सीसी रोड कि मांग के लिए   लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ है| जबकि यहां काम होता है और सभी को स्वास्थ्य सेवाएं भी दी जाती है, लेकिन ग्रामीणों द्वारा मना करने पर भी कचड़ा डाला जाता है ऐसे कचड़े में वह कैसे बैठे और टीकाकरण करें इस लिए अन्य जगह पर टीकाकरण करना पड़ता है| यहाँ कोई कर्मचारी नहीं है सफ़ाई करने वाला प्रतिदिन उपस्वास्थ्य केंद्र खोल जाता है और यहाँ पर कोई सुविधा नहीं है साथ ही ये भी बताया की चार पांच हजार रुपये अपने वेतन में से लगा चुके हैं केन्द्र कि साफ सफाई में

इस उपस्वास्थ्य केंद्र में बाथरूम का भी कोई व्यवस्था नहीं है और पानी पिने के लिए पड़ोस में जाना पड़ता है या फिर किसी दूकान पर यहाँ की आबादी लगभग 8 हजार है ग्रामीण क्षेत्र के लोग दवा लेने आते है और लेकर चले जाते है लेकिन रुकते नहीं है यहाँ हम दवा दे देते है|

वह चाहते है की यहाँ की बाउंड्री, लाइट और पानी की व्यवस्था हो जाए तो लोगों को सुविधा मिले !

एनएम का कहना है की  वह एक महीने से उस केन्द्र में है पर कोई सुविधा नहीं है की वह महिलाओं की जांच कर सके, बीपी स्टूमेंट बीपी जांच करने की मशीन होती है एक दिया था तो वो ले गए वापस और न ही बैड मशीन है कोई भी ऐसी सुविधा नहीं है की हम गर्वती महिलाओ की जांच कर ले उनको सेवाएं दे सके और गंदगी काफी है  वह लोग रोकते है तो कोई मानता भी नहीं है की यहाँ कुछ कचडा न डालें| लेकिन कोई नहीं सुनता वह लोग आते है केन्द्र खोलते है लेकिन जनता नहीं आती है आती भी है तो तुरंत अपनी दवा लेती है और चली जाती है बैठती नहीं है कहती है की हम नहीं बैठ सकते है हमे बहुत ही बदबू आती है|