जिला चित्रकूट। यहां के गांव में प्रदूषण के कारण टीबी जैसी बड़ी बीमारी ने अपना पैर पसार दिया है। इस बीमारी से यहां 20 लोग ग्रसित और उन सब का इलाज नए गांव छावनी में चल रहा है लेकिन अगर सरकारी आंकड़ों की बात की जाए तो वहां के आशा बहू के अनुसार सिर्फ चार टीवी के मरीज हैं जिनका इलाज पूरा भी हो गया है।
ये भी देखें – चित्रकूट: COVID-19 में दयनीय हुई टीबी मरीजों की स्थिति
लोगों के अनुसार गांव में पहाड़ों की ब्लास्टिंग और रातो दिन बराबर ट्रकों के चलने से इतना ज्यादा वायु प्रदूषण है कि लोगों का जीना मुश्किल है। लोगों के कपड़े खाना पानी हर चीज में प्रदूषण है लोग प्रदूषण के कारण खुले में चैन की सांस लेना भी मुश्किल समझते हैं। लोगों का कहना है कि यही कारण है कि यहां पर बहुत सारे लोग हैं जो टीवी से ग्रसित है और हर साल कुछ ना कुछ केश इस बीमारी के निकलते हैं। लोगों ने यह भी बताया कि इस बीमारी के अलावा भी यहां पर कई तरह की बीमारी है और सर्दी जुकाम जैसी मामुली बीमारी तो लोगों कि दिनचर्या जैसे है जो बनी ही रहती है। लेकिन यहां पर किसी भी तरह की कोई जागरूकता नहीं है ना प्रदूषण में रोक लगाई जा रही है और ना ही स्वस्थ विभाग की टीम कभी आती है अगर प्रदूषण रोकने के लिए वह चक्का जाम करते हैं और मांग करते हैं, तो सिर्फ आश्वासन मिलता है या पुलिस आती है तो उन्हीं को डरा धमका कर चुप करा देती है।
यही कारण है कि वह लोग मजबूर हैं और इस बीमारी का सामना कर रहे हैं। जबकि इस टीवी की बीमारी में लोगों का लाखों रुपए खर्च हो गया दवा में और एक दो मौते भी हो गई है। लेकिन उन गरीबों की कोई सुनने वाला नहीं है और ना मानक का कोई पालन नहीं किया जाता है। वह लोग जितना कमाते है दवा में ही चला जाता है।
ये भी देखें – क्षय रोग दिवस: देखिये टीबी को मात देकर कैसे बने ये लोग टीबी चैंपियंस
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)