कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को ईवीएम की आलोचना की और कहा कि वोटिंग के लिए बैलेट पेपर का इस्तेमाल होना चाहिए। उन्होंने बैलेट पेपर वापसी के लिए भारत जोड़ो यात्रा जैसी एक मुहिम चलाने की बात भी की।
‘ईवीएम (EVM) में गड़बड़ी का आरोप तब ही लगाया जाता है जब लोग चुनाव हारते हैं’ जस्टिस विक्रम नाथ और पीबी वराले की बेंच ने कहा। यह बयान तब आया जब सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVMs) की जगह बैलेट पेपर इस्तेमाल करने की मांग की गई थी।
बेंच ने कहा,”क्या होता है कि जब आप चुनाव जीतते हैं, तो EVM में गड़बड़ी नहीं होती। जब आप चुनाव हारते हैं, तो EVM में गड़बड़ी हो जाती है।”
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को ईवीएम की आलोचना की और कहा कि वोटिंग के लिए बैलेट पेपर का इस्तेमाल होना चाहिए। उन्होंने बैलेट पेपर वापसी के लिए भारत जोड़ो यात्रा जैसी एक मुहिम चलाने की बात भी की।
जानें किसने डाली बैलेट पेपर से मत डालने वाली याचिका
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, याचिकाकर्ता केए पॉल ने कहा कि बैलेट पेपर को फिर से लागू करना लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए जरूरी है, और ईवीएम में छेड़छाड़ हो सकती है।
कुछ उदाहरण रखते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने दावा किया था कि ईवीएम में छेड़छाड़ की जा सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि एलन मस्क ने भी EVMs को हैक करने की बात की थी।
इसे लेकर बेंच ने कहा, “जब चंद्रबाबू नायडू या श्री रेड्डी हारते हैं, तो कहते हैं कि EVMs में छेड़छाड़ की गई है। जब वे जीतते हैं, तो कुछ नहीं कहते। हम इसे कैसे देखें? हम इस याचिका को खारिज कर रहे हैं,” जस्टिस नाथ ने कहा, और यह भी कहा कि, “यह वो जगह नहीं है जहां इस पर बहस की जाए।”
याचिकाकर्ता पॉल ने कोर्ट से यह भी अनुरोध किया कि चुनाव में वोटरों को प्रभावित करने के लिए अगर कोई उम्मीदवार पैसे, शराब या अन्य सामान बांटे तो उसे पांच साल के लिए अयोग्य घोषित किया जाए।
कोर्ट ने पूछा कि “आपके पास बड़े ही दिलचस्प PILs (लोकहित याचिकाएं) हैं। आपको ये शानदार आइडिया कहां से मिलते हैं?”
जवाब में पॉल ने बताया कि वह एक संगठन के अध्यक्ष हैं जो अनाथों और विधवाओं की मदद करता है।कोर्ट ने कहा, “आप राजनीति में क्यों घुस रहे हैं? आपका काम अलग क्षेत्र में है।”
पॉल ने यह भी बताया कि वह 150 से ज्यादा देशों में गए हैं, जिसके बाद बेंच ने उनसे पूछा कि उन देशों में बैलेट पेपर का इस्तेमाल होता है या ईवीएम का। जब पॉल ने कहा कि कई देशों में बैलेट पेपर से वोटिंग होती है, तो कोर्ट ने कहा, “आप बाकी दुनिया से अलग क्यों नहीं होना चाहते?”
बसपा सुप्रीमो ने भी कही फर्ज़ी वोटों की बात
बसपा सुप्रीमो मायावती (BSP Supremo Mayawati) ने भी चुनाव में धांधली का आरोप लगाया था। रविवार, 24 नवंबर को पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा,जब तक चुनाव आयोग इसे रोकने के लिए सख्त कदम नहीं उठाता है तब तक बसपा देश में कोई भी उप-चुनाव नहीं लड़ेगी। उन्होंने यह भी कहा, पहले देश में बैलेट पेपर के जरिए चुनाव जीतने के लिए सत्ता का दुरुपयोग करके फर्जी वोट डाले जाते थे और अब ईवीएम के जरिए भी ये काम किया जा रहा है, जो लोकतंत्र के लिए बहुत दुःख और चिंता की बात है।
हर चुनाव में ईवीएम मशीन और मत घोटाले की खबर सामने आती है जहां विवाद का मुद्दा यही होता है जो हमने इस याचिका में देखा, लेकिन क्या मत का तरीका बदल देने से घोटाले बंद हो जाएंगे या फिर चुनाव आयोग को इसे रोकने के लिए और भी कुछ सोचने की ज़रूरत है?
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