जिला ललितपुर, ब्लाक महरौनी, गांव जखौरा, मजरा कारीटोरन में पानी का इंतेज़ाम नही है
यहाँ एक प्राथमिक विद्यालय है जिसमे लगभग 70 बच्चों का नामांकन है.तो आपको बता दें कि यहाँ पर पानी की कोई इंतेज़ाम नहीं है पढाई की व्यवस्था भी है पर एक ऐसी व्यवस्था नहीं है जिसकी बच्चों को बहुत जरूरत पड़ती है | नाम के लिए एक हैंडपंप लगा तो हुआ है पर वो भी खराब पड़ा हुआ है, 1 साल से खराब पड़ा यह हैंडपंप जिसमे कभी-कभी ही पानी निकलता है और कभी नहीं निकलता है तो ऐसे में कैसे ये हैंडपंप बच्चों की प्यास बुझाएगा? बच्चों का कहना है इसमें जंगी भी निकलती है, जिससे यहाँ पर बच्चे गंदा पानी पीने को मजबूर हैं क्योंकि यहां दूसरा हेडपंप नहीं है.
बच्चों का कहना है कि हम लोग बाहर पानी पीने जाते हैं या फिर अपने घर से पानी लाते हैं. इस प्राथमिक विद्यालय में छोटे-छोटे बच्चे पढ़ते हैं और पानी का इंतेज़ाम न होने के कारण इन बच्चों को काफी दिक्कतें होती हैं पानी की वजह से. यहां के लोगों का कहना है कि हम लोगों ने प्रधान से कई बार बात किया है कि यहाँ हैंडपंप को ठीक करवा दीजिए पर प्रधान नहीं सुनते हैं और यहां की टीचरों से भी कहा है कि कुछ आप लोग ही कीजिए क्योंकि सारे बच्चे परेशान होते हैं पानी के लिए इधर-उधर भटकते हैं. पर इस समस्या का कोई समाधान या सुनवाई होती नहीं दिख रही है.
टीचर का कहना है कि हमने एक दो बार प्रधान से कहा है पर प्रधान नहीं सुनते हैं इस स्कूल में हमने दूसरा हैंडपंप लगाने की मांग की है और एप्लीकेशन भी दिया है, अभी उसका कोई जवाब नहीं मिला है. अब जब भी ऊपर प्रसाशन से पैसा आ जाएगा तो ही यहां दूसरा हैण्डपंप लगेगा.
हैंडपंप लग जाए तो बच्चों की थोड़ी समस्याएँ कम हो जायें. गांव वालों का कहना है कि ये छोटे-छोटे बच्चे हैं इनकी सुनवाई तो पहले करनी चाहिए सरकार को पर ऐसा कुछ होता नहीं नज़र आ रहा. कहां जाएंगे ये? किसके घर में पानी भरने के लिए जाएं? पढाई पर ध्यान दें या पानी पर? और यहाँ आसपास कुछ है भी नहीं, पानी भरने के लिए आधा किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. एक हैंडपंप है वहां पर तो सरे बच्चे वही जाते हैं लंच के समय और सुबह अपनी बोतल भर कर लाते हैं. जब से स्कूल बना है तब से ही हम लोग ऐसी ही समस्या झेल रहे हैं. हम लोग बस यही मांग करते हैं की स्कूल में हैण्डपंप जल्द से जल्द चालू हो जाये.
-सुषमा देवी द्वारा लिखित