भूमध्यसागर में उठे तूफान डैनियल के चलते आई बाढ़ ने लीबिया में जमकर तबाही मचाई है। इस तबाही से अब तक 5300 से अधिक मौतें और 10 हजार से अधिक लोगो के लापता होने का मामला सामने आया है।
#StormDaniel: लीबिया के पूर्वी शहर डेनियल में आए तूफान और फिर अचानक आई बाढ़ ने काफी तबाही मचाई है। लीबिया का पूर्वी शहर डर्ना इस बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। डर्ना में अब तक 5,300 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि करीब 10 हजार लोग लापता हैं।
BREAKING: Up to 2,000 people feared dead after Storm Daniel causes catastrophic flooding in eastern Libya, officials say pic.twitter.com/B3pq0seLoh
— BNO News (@BNONews) September 11, 2023
भूमध्यसागर में उठे तूफान डैनियल के चलते आई बाढ़ ने लीबिया में जमकर तबाही मचाई है। इस तबाही से अब तक 5300 से अधिक मौतें और 10 हजार से अधिक लोगो के लापता होने का मामला सामने आया है। इस तूफ़ान ने न सिर्फ लीबिया, बल्कि तीन अन्य पड़ोसी देशों में तबाही मचाई है। ऐसा अनुमान है की यह तूफ़ान पिछले एक हफ्ते से लोगों को अपना रौद्र रूप दिखा रहा है।
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दो बांध टूटने से शहर में मची तबाही
समाचार पत्रों के मुताबिक तबाही की वजह हैं डैम और बाढ़ को रोकने के लिए बनाए गए इंफ्रास्ट्रक्चर, जो कमजोर हालात में थे। डर्ना शहर के पास दो डैम बने हैं। उनकी ऊंचाई 230 फीट है। यह इस हद तक कमजोर थे कि बाढ़ और तूफान को झेल नहीं सके। जब यहां का पहला बांध ओवरफ्लो हुआ तो पानी दूसरे बांध में जा पहुंचा। बांध टूटने से 330 लाख क्यूबिक मीटर पानी शहर के अंदर घुस गया, जिसने तबाही मचा दी। ऐसा कहा जा रहा है की लीबिया में दस साल से अधिक समय से उथल-पुथल चल रही है। तूफान ने दिखा दिया कि देश कितना कमजोर है।
बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित पूर्वी लीबिया के डेर्ना शहर में स्थिति दिल दहला देने वाली है। लगातार लोगों के मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। मृतकों को समायोजित करने के लिए एक सामूहिक कब्र बनाई गई है। सड़कों पर शवों को शिनाख्त के लिए रखा गया।
चारों तरफ लाशें बिखरी पड़ी हैं
लीबिया के आपदा मामलों के मंत्री हिचेम चिकीओत ने बताया कि मैं डर्ना के विनाशकारी बाढ़ को देखकर लौटा हूं। जहां चारों तरफ लाशें बिखरी पड़ी हैं। अस्पतालों में शव रखने की जगह कम पड़ रही है। ऐसे में मृतकों की संख्या की सही पुष्टि कर पाना अभी मुमकिन नहीं है। सैनिकों, सरकारी कर्मचारियों, स्वयंसेवकों सहित अन्य स्थानीय आपातकालीन अधिकारियों ने मृतकों की तलाश के लिए मलबे में खुदाई की। उन्होंने पानी में मौजूद परिवारों के शव को निकालने के लिए नावों का भी इस्तेमाल किया।
हम सिर्फ अनुमान लगा सकते हैं कि जमीनी हालात क्या होंगे। मुझे लगता है कि डेर्ना शहर का 25% हिस्सा खत्म हो चुका है। यह भी कहा जा रहा है की आखिरी आंकड़ा आएगा तो शायद दुनिया हैरान रह जाए। इतने खराब हालात सिर्फ 1959 में हुए थे। दुनिया के कई देशों ने मदद की पेशकश की है, लेकिन अभी वो कैसे मदद कर पाएंगे, ये भी देखना होगा। क्योंकि न एयरपोर्ट सलामत हैं और न सड़कें बची हैं।
शहर तबाह हो चुका है
एबीपी न्यूज़ रिपोर्ट के अनुसार, आपदा आने के 36 घंटे बाद भी राहत और बचाव कार्य जारी है। मौजूदा हालत को देखते हुए देश के अन्य हिस्सों से राहत और बचाव कर्मियों को बुलाया गया है। 89,000 की आबादी वाले शहर की सड़कें बाढ़ के कारण बह गईं हैं, ऐसे में रेस्क्यू अभियान में दिक्क्तें आ रहीं हैं।
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