खबर लहरिया जवानी दीवानी महोबा जिले में संगीत टीचर आबोस सोनी सिखा रहे निशुल्क संगीत

महोबा जिले में संगीत टीचर आबोस सोनी सिखा रहे निशुल्क संगीत

महोबा जिले के डी.ए.वी. इंटर कॉलेज महोबा के टीचर आबोस सोनी ने निशुल्क संगीत सिखाना शुरू किया है। अभी तक में लगभग 5 सौ बच्चे सीख रहे हैं कुछ बच्चे संगीत सीखकर बाहर भी निकल गए हैं। आबोस सोनी का कहना है कि हमारी मां हमें लेवा कर जाती थी और मां भी संगीत के शौकीन थी टीचर भी थी हमें भी निशुल्क ही सीखने को मिला था। तो हमने सोचा कि हमें जो संगीत की निशुल्क शिक्षा मिली हुई है। तो हम क्यों नहीं सिखा सकते हैं बच्चों को निशुल्क शिक्षा। कहते हैं कि जो बच्चों को सिखाते हैं उनके ही मां-बाप गुरु होते हैं ऐसा उन्होंने बताया कि हमारे पिताजी भी लेखक, कवि थे। उनसे भी हमने सीखा और वह हमारे प्रेरणा हैं जो हमारे पास ज्ञान था वह आज हम बच्चों को दे रहे है।

शुरू-शुरू में बच्चों को बहुत सावधानी से सिखाना पड़ता है कि हाथ इधर-उधर ना हो और आवाज भी इधर-उधर ना हो। सीखने को तो लगभग 300 बच्चे सीखते हैं पढ़ाई के बाद एक घंटा बच्चों को अलग से टाइम दिया जाता है। घंटा और जो हमारे बच्चे सीख के इधर-उधर गए हुए हैं वह 30 बच्चे पूर्ण रूप से गाते हैं और बजाते हैं। 15 बच्चे आकाशवाणी से भी निकले हैं जो यही के सीखे हुए बच्चे हैं। संगीत के 12 सुर होते हैं संगीत कार्यक्रम के जो जितने राग हैं। वह शुरू से ही होते हैं संगीत से समाज का उत्थान है। यहां के सीखने वाले बच्चे कहते हैं कि गुरु हो तो ऐसा हो जैसा हम लोगों को मिला हुआ है क्योंकि हमें संगीत सीखने का अवसर मुश्किल था अगर निशुल्क नहीं होता तो शायद हम संगीत न सीख पाते।पुरुषो के क्षेत्र में अपना लोहा मनवा रही महोबा की अर्चना

निशुल्क संगीत सिखा रहे हैं तो हम अपना नाम भी रोशन कर पाएंगे क्योंकि संगीत कार्यक्रम जहां पर सिखाते हैं वहां पर 200₹ एक दिन के लेते हैं और यहां पर हम सीखते हैं जो हमारे गुरु है वह निशुल्क ही सिखाते हैं। उनका सिखाने का कोई समय नहीं होता है अगर सिखाने लगे तो चाहे 1 घंटा हो या 2 घंटा हो टाइम नहीं देखते। यहां पर जो बच्चे सीखने के लिए आते हैं वह 18 या 15 साल तक के बच्चे आते हैं।