बिहार के सीतामही जिले के गांव हीरोलवा में किसानों की हालत बहुत ख़राब हैं। इनके पास अपनी कोई ज़मीन नहीं है और इनको मनखप यानि लीज़ पर खेती बाड़ी करनी पड़ती हैं। जिससे इनका अपना कोई फायदा नहीं हो पता है। इतने पैसे भी नहीं बचते जिससे कम से कम घर चल सके। महीने का ये लोग केवल 200 से 300 तक ही कमा पाते है।
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खाद, दवा लेने के लिए भी इनलोगो को खुद से ही खर्चा निकलना पड़ता हैं। पानी पटाने के लिए भी इनको डीज़ल वाली गाड़ी का इस्तेमाल करना पड़ता हैं। उसमे भी इनके ही पैसे लगते हैं। मानखाब को इन्हे साल के 40 से 50 हज़ार पैसे जमा करने होते हैं।
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बाज़ार में सब्ज़ी भी बहुत काम दाम में बिकती है जैसे 10 रुपय में 2 से 3 किलो की सब्ज़ी बिकती है। और अगर उस सब्ज़ी का मौसम नहीं हैं तो वह सब्ज़ी फेंकना पड़ता है। इससे किसानो की मेहनत वह समय दोनों ही बर्बाद होती है।
इनकी बस यही मांग है कि सरकार इनकी मदत करे। सब्सिडी निकले जिससे इन कसानो का भी थोड़ा विकास हो सकें।
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