पूरे देश में इस समय अयोध्या राम मन्दिर फैसले को लेकर चारो तरफ चर्चा है। सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर है जिले का प्रशासन भी इस मामले को लेकर टाईट है।
यूपी में हर जिले में पुलिस और डीएम के द्वारा पिस कमेटी की मीटिंग बुलाई जा रही है। जिसमें हर समुदाय के लोगों को बुला कर अयोध्या मामले की चर्चा हो रही है ये भी बताया जा रहा की फैसला कुछ भी आये उसका स्वागत के लिए दोनों समुदाय के लोग तैयार रहे। शोसल मिडिया में किसी भी तरह के धर्म से जुड़े मेसेज या वीडियो को फारवर्ड करने में अभी से रोक लगाई जा रही है। साथ ही यह भी बताया जा रहा है। की अगर ऐसे वीडियो फोटो या फिर कोई भी भडकाऊ पोस्ट की जायेगी तो उस व्यक्ति के खिलाफ सीधे कार्यवाही की जायेगी।।
आखिर फैसला आने के पहले सरकार को इतनी कड़ी निगरानी या फिर सुरछा की जरूरत क्यों पड़ रही है क्या कारण है की पुलिश फोर्स को बुलाने की तैयारी चल रही है। शान्ति सद्भावना बनाये रखने के लिए जमीनी स्थर पर काम करने की जरूरत है वही पर लोगों के अंदर पहले से ही डर का माहोल पैदा हो रहा है।LIVE: अयोध्या के तारुन में प्रधानमंत्री आवास योजना में लोगों के नाम तो हैं पर आवास नहीं
हमें यह भी लगता है कि शान्ति और सद्भावना बनाये रखना एक लम्बी और निरंतर पहल होनी चाहिए, जिससे अलग अलग समुदाय एक दुसरे पर विशवास रखें, और भड़के न। और यह भी की सब समुदाय हो बहुमत हो, या अल्पसंख्यं हो, वो अपने को सुरक्षित महसूस कर पायें और अपनी बात रखने में आज़ादी महसूस कर पाएं। इसमें सर्कार और लोकल प्रशासन की बड़ी ज़िम्मेदारी भी है। अगर दर का माहौल न हो, और समय समय पर नेता भड़काऊ बयां न देते, तो ऐसे मौके आते ही न, जहाँ पर सर्कार को लोगों पर इतना कड़ा नियंत्रण रखना पड़े।