Water Scarcity: सीधी जिले का एक ऐसा गांव है जहां आज भी पानी की त्राहि-त्राहि मची हुई है। सीधी जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर पहाड़ में बसे बघौडी़ ग्राम के मजरा हरदी (मूड़ा पहाड़) गांव में ग्रामीण पानी के लिए अपनी जान को जोखिम में डालते है और गहरी खाई में उतरकर पानी निकालते हैं और तब अपनी जरूरतों को पूरा करते है।
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ग्रामीणों का कहना है कि उनके जीवन में जल का एक मात्र स्रोत है प्राकृतिक झरना, जिससे वह पानी भरते हैं। इस समय तो फिर भी बारिश का मौसम है तो थोड़ा पानी का लेवल नीचे आ गया है। गर्मी के समय में हैंडपंप भी जवाब दे देते हैं और एक झरना है वह भी गर्मी के मौसम में सूख जाता है। ग्रामीणों को पानी की सबसे ज़्यादा किल्लत होती है। 1 से 10 किलोमीटर दूर पिपराही स्कूल से पानी लाते हैं या फिर तो ढाई किलो मीटर दूर नदी से पानी लाते हैं। वहीं से नहाते भी हैं।
जो प्राकृतिक झरना है वह काफी गहरा है और पहाड़ की चट्टानों के बीच में बना हुआ है। इस समय तो उसमें पानी है तो ठीक है लेकिन गर्मी के मौसम में वह सूख जाता है। लोग गहरी खाई में उतरकर पानी लाने के लिए मजबूर है, क्योंकि इसके अलावा उनके पास कोई स्त्रोत नहीं है।
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बघौली सरपंच राम लल्लू का कहना है कि हरदी मुंडा पहाड़ में पानी का कोई स्रोत नहीं है। पहाड़ी एरिया है पानी का लेवल बहुत ज़्यादा नीचे है, 300 मीटर की गहराई में भी हैंडपंप लगाया जाता है फिर भी वह दो चार बाल्टी पानी देने के बाद बंद हो जाता है। लोग नाले का पानी पीने के लिए मजबूर है। हरदी मुंडा पहाड़ में 2 वार्ड हैं। दोनों के बीच 300 वोटर हैं और पूरे ग्राम पंचायत बघौली के 35 सौ वोटर है और 5000 की आबादी है। उन्होंने अपनी तरफ से पिछले साल सिहावल एसडीएम को लिखित पत्र दिया था और मांग की थी कि उनके यहां ऊंचाई में पहाड़ के पास टंकी बनवा दी जाए जिससे पूरे गांव को पानी मिलने लगे लेकिन अभी तक कुछ नहीं हो पाया है पर उनका प्रयास ज़ारी है।
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