“श्री रामायण एक्सप्रेस” की शुरुआत देख, देश के अलग-अलग राज्यों से लोग उसकी पहली यात्रा देखने के लिए दिल्ली के सफदरगंज रेलवे स्टेशन पहुंचे थे। जिसके चलते लोगों द्वारा सफदरगंज रेलवे स्टेशन पर ‘जय श्री राम’ के नारे भी लगाये गए थे। भगवान राम से सम्बंधित स्थानों की यात्रा को पूरा कर, ये रेलगाड़ी 16 दिन का सफ़र तय करेगी।
राजस्थान, गुजरात, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के लोग इसकी पहली यात्रा का हिस्सा बने थे – जिनमे से कई सक्रिय भाजपा कार्यकर्ता और समर्थक भी थे। जबकि अन्य ने कहा कि वह ट्रेन की प्रचार प्रक्रिया देख इस पहल में शामिल होने आए थे।
“राम मंदिर की स्थपाना भारत के अलावा और कहाँ की जा सकती है?” ट्रेन के चलते ही, गुडगाँव के मुकेश वशिष्ट चिल्लाकर बोले “हम 2019 में फिर से वापिस आयेंगे”।
राजस्थान के चुरु से बीजेपी स्वयंसेवक होने का दावा करने वाले एक सेवानिवृत्त शिक्षक तेज राम पुरोहित ने कहा कि वह अपने क्षेत्र के 10 लोगों के एक समूह का हिस्सा थे जिन्हें स्थानीय भाजपा इकाई द्वारा ट्रेन के बारे में सूचित किया गया था। उन्होंने कहा कि “हम भाजपा के साथ हैं। हमने इस यात्रा के लिए हाल ही में टिकट बुक किए हैं”।
यात्रा में गाजियाबाद की गृहिणियों, वरिष्ठ नागरिकों का समूह और वृद्ध जोड़े भी शामिल थे। “हमने कुछ महीने पहले मीडिया में इसका प्रचार देखा था। जिसको देख हम इस यात्रा में जुड़ने के लिए पहुंचे हैं। इस सरकार ने हमें भगवान राम के जन्मस्थान को देखने का मौका दिया है। पिछली सरकारों द्वारा कभी ऐसा नहीं किया गया है”।गुजरात की एक गृहिणी पी.अवस्थी का कहना है कि, “हमारा राजनीति या किसी भी पार्टी के साथ कोई लेना देना नहीं है”।
यात्रा के प्रचार के रूप में, भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी), ने पर्यटकों को रेशम स्कार्फ और हरे व केसर रंग के झंडे बांटे जिन पर भगवान राम का चित्र बना हुआ था।”हमने यात्रा के पहलू को समक्ष रखकर, इसको प्रचार प्रदान किया है। आईआरसीटीसी के प्रवक्ता ने कहा कि “हमने ट्रेन को लेकर मीडिया में ज्यादा प्रचार नहीं किया है”।