“अगर डॉक्टरों की कमी नहीं होती तो मेरी 24 वर्षीय बहु की मौत नहीं होती” – महोबा जिले की रहने वाली महिला रेखा ने बताया। महोबा जिले के सीएचसी व पीएचसी में डॉक्टरों की कमी होने की वजह से लोग उचित प्रकार की स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। खबर लहरिया ने इस बारे में अजनर के मजरा खोई में रहने वाले लोगों से बात की।
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देवेंद्र कहते हैं कि डॉक्टरों की कुर्सी हमेशा खाली मिलती है।
समस्या को लेकर कांग्रेस की जिला अध्यक्ष मामा भारती कहती हैं कि जिला अस्पताल में ही नहीं बल्कि हर जगह डॉक्टरों की कमी है जिसकी वजह से आवाज़ उठाने के बावजूद स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पाती।
नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के फार्मासिस्ट भूपेंद्र सिंह सेंगर बताते हैं, 1 महीने से ज़्यादा हो गया। हमारे अस्पताल में कोई डॉक्टर ही नहीं है जिससे दिक्कत तो होती ही है लेकिन दिक्कतों के लिए हम अब सोच रहे हैं कि डॉक्टरों की मांग करेंगे।
जब खबर लहरिया की रिपोर्टर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. डीके गर्ग से मिलने उनके ऑफिस गयीं तो हर बार समय नहीं है तो कभी व्यस्त है कहकर बात को टाल दिया गया लेकिन मामले को लेकर कोई उचित जवाब नहीं दिया गया।
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