खबर लहरिया जवानी दीवानी माहवारी पर बनी लघु फिल्म पीरियडः द एंड ऑफ सेंटेंस को मिला बड़ा अंतर राष्ट्रीय पुरूस्कार 

माहवारी पर बनी लघु फिल्म पीरियडः द एंड ऑफ सेंटेंस को मिला बड़ा अंतर राष्ट्रीय पुरूस्कार 

साभार: गूगल

अमरीका के कैलिफॉर्निया शहर में आयोजित किए जाने वाले ऑस्कर अवॉर्ड को फ़िल्मों का एक महत्वपूर्ण उत्सव माना जाता है। इस बार ये शाम भारत के लिए भी खास रही। 91वें अवॉर्ड्स में भारत में बानी एक लघु डॉक्यूमेंट्री फिल्म ने ऑस्कर अवॉर्ड जीत लिया। इस फिल्म का नाम ‘पीरियडः द एंड ऑफ सेंटेंस’ है, जिसमें मासिकधर्म को लेकर समाज की चुप्पी और शर्म को दर्शाया गया है।

भारत के ग्रामीण क्षेत्र में माहवारी के समय महिलाओं को होने वाली समस्या और पैड की अनुपलब्धता को लेकर बनी इस शॉर्ट फिल्म पीरियड :  एंड ऑफ सेंटेंस को ‘डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट सब्जेक्ट’ श्रेणी में ऑस्कर पुरस्कार मिला है। इस डॉक्यूमेंट्री का निर्देशन रायका जेहताबची ने किया है और इसे भारतीय प्रोड्यूसर गुनीत मोंगा की ‘सिखिया एंटरटेनमेंट‘ ने प्रोड्यूस किया है। यह डॉक्यूमेंट्री ऑकवुड स्कूल इन लॉस एंजिलिस के छात्रों और उनकी शिक्षक मिलिसा बर्टन द्वारा शुरू किए गए  पैड प्रोजेक्ट का हिस्सा है।

जेहताबची ने ऑस्कर पुरस्कार स्वीकार करते हुए कहामैं इसलिए नहीं रो रही हूं कि मेरी माहवारी चल रही या कुछ भी। मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि माहवारी को लेकर बनी कोई फिल्म ऑस्कर जीत सकती है। वहीं बर्टन ने इस पुरस्कार को अपने स्कूल को समर्पित करते हुए कहा कि इस परियोजना का जन्म इसलिए हुआक्योंकि लॉस एंजिलिस के मेरे विद्यार्थी और भारत के लोग बदलाव लाना चाहते थे। इस डॉक्यूमेंट्री की कहानी दिल्ली के बाहरी इलाके हापुड़ की है। 

आपको बता दें कि भारत के लिए ऑस्कर का यह क्षण एक दशक के बाद आया है। इससे पहले  आर रहमान और साउंड इंजीनियर रसूल पोकुट्टी को स्लमडॉग मिलेनियर के लिए 2009 में अकादमी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।