पन्ना जिले के ब्लॉक अजयगढ़ थाना में 11 जनवरी को डिजिटल रूप में महिला सशक्तीकरण सम्मान कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित गृह मंत्री अमित शाह और पुलिस निदेशक शामिल रहे थे। इसके अलावा कार्यक्रम में थाना प्रभारी अरविंद कुजुर, तहसीलदार धीरज गौतम, बीरा चौकी प्रभारी अवधेश कुमार दुबे, चंदोरा चौक प्रभारी सुशील शुक्ला, पत्रकार आदि मौजूद थें। कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कड़ा रवैया अपनाना था।
शिवराज सिंह ने दिया महिला सुरक्षा पर ज़ोर
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कार्यक्रम में महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा की बात कही। साथ ही यह भी कहा कि उन पर हो रहे अत्याचारों और उन्हें बहला–फुसलाकर ले जाने वाले आरोपियों को कड़ी सजा दिलवाई जाएगी। लड़के और लड़कियों को एक समान अधिकार दिए जाएंगे और लोगों को जागरूक किया जाएगा। महिलाओं की सुरक्षा सिर्फ सरकार की ही ज़िम्मेदारी नहीं बल्कि हर एक व्यक्ति की ज़िम्मेदारी है।
वह यह भी कहते हैं कि अगर कोई पुरुष या लड़का नौकरी के लिए जिले से बाहर जाता है तो उसका नाम रजिस्टर किया जाएगा कि वह काम के लिए किस जगह जा रहा है। ताकि सरकार को अगर भविष्य में कोई जानकारी चाहिए हो तो वह इसके जरिए जानकारी निकाल सकें।
भारत में स्त्रियों का सम्मान सबसे पहले हैं। वह कहते हैं कि महिलाओं और बालिकाओं के साथ हो रहे अपराधों में इंटेरनेट का काफ़ी बड़ा हाथ है। इंटेरनेट के ज़रिए लोगों द्वारा आपत्तिजनक तस्वीरें देखी जाती हैं, जिससे अपराधों को बढ़ावा मिलता है।
मध्यप्रदेश में महिला हिंसा से जुड़े आंकड़े
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो 2019 की रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश में महिलाओं के 5,822 बलात्कार के मामले सामने आए थे। साथ ही 3,337 महिला हिंसा के मामले साल 2019 में दर्ज़ किये गए थे। लाइव मिंट की 10 जनवरी 2020 की रिपोर्ट में बताया गया कि मध्यप्रदेश में महिलाओं के प्रति बलात्कार के मामले अन्य राज्यों की तुलना में बेहद ज़्यादा है। वहीं उत्तरप्रदेश महिला सुरक्षा के मामले में सबसे पिछड़ा हुआ है।
एनसीआरबी द्वारा निकाले गए 2017 के आंकड़ो में बताया गया कि मध्यप्रदेश में 6 से 18 साल की लड़कियां और बुर्जुग महिलाओं (45 से 60 साल) के साथ हुए बलात्कार के मामले सबसे ज़्यादा हैं।
आउटलुक इंडिया की 23 अक्टूबर 2020 की रिपोर्ट में बताया गया कि जब राष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं और बुर्जुग महिलाओं के साथ हुए बलात्कार के मामलों को देखा जाता है तो हर साल 10 प्रतिशत मामले अकेले मध्यप्रदेश राज्य के होते हैं।
2014-18 में बलात्कार के सबसे ज़्यादा मामले
बिज़नेस स्टैंडर्ड की 20 मार्च 2020 की रिपोर्ट कहती है कि 2014-18 में मध्यप्रदेश में महिला हिंसा के सबसे ज़्यादा मामले दर्ज किए गए थे। इन पाँच सालों में महिलाओं के साथ बलात्कार के 1.75 लाख मामले सामने आए थे। केंद्रीय गृह मंत्रालय 2014-18 के बीच हुए बलात्कार के मामलों के बारे में बताया।
साल बलात्कार के मामले
2014 36,739
2015 34,094
2016 38,947
2017 32,559
2018 33,356
बीतते सालों के साथ सिर्फ महिला हिंसा के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली, जो अभी भी राज्य में समय के साथ बढ़ रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के लिए कार्यक्रम के ज़रिए लोगों को जागरूक करने की बात करना और कानूनों को सख़्त करने की बात कहना, पेचीदा लगता है। अगर जागरूकता और कार्यक्रम के ज़रिए महिलाओं के बलात्कार के मामले रुक जाते, तो शायद आज महिला हिंसा का कोई भी मामला नहीं होता। क्या मुख्यमंत्री या प्रशासन द्वारा यह दावा किया जा सकता है कि कार्यक्रम और जागरूकता अभियानों के ज़रिए महिलाओं के प्रति हो रहे हिंसा के मामले कम हो जाएंगे?