रामलीला पर सीता को क्यों देनी पडी अग्नि परिक्षा।
बहुत मजा आता था जब हम रोज घंटों पहले बैठकर रामलीला शूरू होने का इन्तजार करते थे बहुत खुश होते थे। देखकर उस नींद भाग जाती थी रामलीला देखने के लिए।
आज नींद आंखों से गायब हो जाती है ये सोचते हुए।
अरे ये अभी नहीं बताऊंगी वो तो आपको पता चलेगा पूरा शो देखने के बाद तो तैयार हैं न? देखने के लिए कुछ अटपटी कुछ चटपटी बातो के साथ नारीवादी चश्मे के साथ बोलेंगे बुलवाएंगे हंस कर सब कह जाएंगे।
चलिए फिर चलते हैं।
महिलाओं से सवाल- “आपने रामलीला देखी है कभी? “
सीता को अग्नि परिक्षा क्यों देनी पड़ी।
“वो ये बात थी। तो रावण सीता जी को ले गया था सीता को अग्नि परीक्षा देनी पड़ी। “
तो यही कारण है क्या जब राम भगवान ने अपनी पत्नी से अग्नि परिक्षा ली विश्वास नहीं किया यही कारण पूरूष मेहरियन का विश्वास आज भी नहीं करत शक मा ही मार देत हैं।
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पुरूष कहीं भी कितनी रात गायब रहे मेहरिया वैसे सफाई मागती हैं बताओ?और मेहरिया एक रात कतौ चली जाए तो का होत है।
कतौ सुने हौ की पति का शक के कारण पत्नी मार डालिस।
कितनी मेहरियन के हत्या कर दीन जात है। कितनी का छोड देत हैं। घर से निकाल देत हैं शक मा तुम्हें का लागत है।
गांव मा मडाई का काहत हैं। बताओ पूरूष का अगर वा कौन मेहरियन से बात करे कहिऔ चला जाए।
आउर मेहरिया अगर ऐसा कर ले तो फिर समाज घरवाले का कहत हैं।
पुरुषों से सवाल-
आओ भय्या थोडी बात आपसे भी कर ले सीता जी को उस दौर मे अग्नि परिक्षा देनी पडी आज भी महिलाएं अपने पवित्रता की परिक्षा देती हैं देती हैं की नहीं?
पूरूषो को कभी पवित्रता की परिक्षा देनी पड़ी।
क्यों ये सब महिलाओं पर ही लागू है। अच्छा पति कुछ भी करे वो पूरूष है कुछ भी कर सकता।
पूरूष दूसरी औरत से समबन्ध बना सकता है।
बहुत से पूरूष तो अपनी पत्नी के होते हुए दूसरी औरत ले आते हैं । महिला ऐसे करे तो क्या हो होगा
ये सवाल महिला पूरूष दोनो से किया जा सकता है।
लास्ट मे
तो देखा आपने पूरूष कुछ भी करे वो बन का भौरा है। महिलाओं को समझाया जाता वो पूरूष है।
महिला अगर किसी दूसरे से बात भी कर ले तो उसे सफाई देनी पडती है। घर से बेघर कर दिया जाता है इतना ही नहीं बहुत सी महिलाओं को अपनी जान भी गवानी पडती है।
ये व्यवस्था भेदभाव हम महिलाओं के साथ आज से नहीं सदियों से चला आ रहा
जिन्हें हम भगवान मानते हैं। राम भगवान उन्होंने ने भी देवी सीता जी को छोडा भले ही उन्हें देवी मानते हैं लेकिन थी तो भी एक महिला ही
देखा न आपने कितना भेदभाव है। हमारे साथ शायद अब आपलोग समझ गये होंगे मेरी नींद उड जाती है।
नहीं समझे ?
ओके बताती हू ये सोच कर की भगवान जी तो सब जानते हैं। उन्हें सब बिन आखों के दिखता है तो फिर सीता जी की पवित्रता क्यों नहीं दिखी अग्नि परिक्षा क्यों ली या सब पुरूषों को यही संदेश दे गये।
तो चलती हू अपनी बातो को यहीं पर खत्म करके अगले शो की तैयारी भी तो करनी हैं।
बोलेरो बुलवाएंगे हंस कर सब कह जाएंगे।
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