पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री बने शाहबाज शरीफ। शरीफ ने कहा, अगर “पत्र विवाद में साजिश साबित होती है तो वह इस्तीफ़ा देकर घर की और रवाना हो जाएंगे।”
पाकिस्तान को शाहबाज शरीफ के रूप में 11 अप्रैल 2022 को अपना 23वां प्रधानमंत्री मिला। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को सत्ता से बेदखल कर पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के मुखिया ने प्रधानमंत्री की शपथ ली। सीनेट अध्यक्ष सादिक संजरानी ने राष्ट्रपति डॉ.आरिफ अल्वी की अनुपस्थति में शाहबाज शरीफ को पीएम पद की शपथ दिलवाई।
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पीएम मोदी ने पाकिस्तान के नए पीएम को दी बधाई
पाकिस्तान के नये पीएम की नियुक्ति के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शाहबाज शरीफ को बधाई दी। पीएम ने ट्वीट करते हुए लिखा, “एच.ई मियां मुहम्मद शहबाज शरीफ को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में चुने जाने पर बधाई। भारत आतंक मुक्त क्षेत्र में शांति और स्थिरता चाहता है, ताकि हम अपनी विकास चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित कर सकें और अपने लोगों की भलाई और समृद्धि सुनिश्चित कर सकें।”
Congratulations to H. E. Mian Muhammad Shehbaz Sharif on his election as the Prime Minister of Pakistan. India desires peace and stability in a region free of terror, so that we can focus on our development challenges and ensure the well-being and prosperity of our people.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 11, 2022
भारत से चाहते हैं अच्छे संबंध – पीएम शहबाज शरीफ
सोमवार को प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद शहबाज शरीफ ने संसद को संबोधन करते हुए कहा, वह भारत से अच्छे संबंध रखना चाहते हैं। इसी बीच उन्होंने कश्मीर का मुद्दा भी उठाया। Reuters ने शहबाज शरीफ के हवाले से कहा, “हम भारत से अच्छे संबंध चाहते हैं लेकिन कश्मीर के मुद्दे के समाधान के बिना स्थायी शांति संभव नहीं है।”
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मतदान के बाद बने शहबाज शरीफ पीएम
डॉन अख़बार द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज ( PML-N ) के नेता शहबाज शरीफ को देश की नेशनल असेंबली में मतदान के ज़रिये पाकिस्तान का नया पीएम चुना गया। प्रधानमंत्री बनने के बाद, शरीफ ने कहा कि बुराई पर अच्छाई की जीत हुई है। उन्होंने इमरान खान के ‘विदेशी विवाद’ के दावों को ‘ड्रामा’ कहा। साथ ही यह भी कहा कि अगर “पत्र विवाद में साजिश साबित होती है तो वह इस्तीफ़ा देकर घर की और रवाना हो जाएंगे।”
इमरान की पीटीआई ने दिया संसद से इस्तीफ़ा
बता दें, मतदान से पहले इमरान खान की नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने पहले प्रक्रिया का बहिष्कार किया था। पीटीआई की तरफ से प्रधानमंत्री के उम्मीदवार शाह महमूद कुरैशी ने पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री के चुनाव के लिए मतदान के बहिष्कार की घोषणा की थी। इसके बाद पीटीआई के सांसदों ने इस्तीफ़ा दे दिया और संसद से बाहर निकल गए।
पाकिस्तान में सियासत की सबसे बड़ी वजह और चर्चा एक लेटर को लेकर हो रही थी। यह दावा किया जा रहा था कि यह लेटर अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट यानी फॉरेन मिनिस्ट्री की तरफ से पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय को भेजा गया है।
इमरान खान ने यह दावा किया था कि बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन उनको प्रधानमंत्री की कुर्सी पर नहीं देखना चाहती और अमेरिका के इशारे पर ही उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है।
पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, लेटर को नेशनल सिक्योरिटी कमेटी की मीटिंग में रखा गया। कुछ पत्रकारों ने भी इसे देखा। इसके बाद सबसे बड़ा सवाल यह सामने आ रहा था कि लेटर को कैबिनेट मीटिंग या संसद में क्यों नहीं पेश किया गया?
पाकिस्तान में लेटर सियासत के बाद अब देश को नया प्रधानमंत्री मिल गया है लेकिन पत्र के पीछे की क्या राजनीति या रहस्य है यह सामने नहीं आया है। साथ ही पाकिस्तान के नए पीएम बनते ही शाहबाज शरीफ ने भारत से अच्छे संबंध बनाने की बात रखी लेकिन कश्मीर मसले के हल के बाद। अब संबंध कब और कैसे बेहतर होते हैं, यह तो आगे आने वाले समय में ही पता चलेगा।
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