भयंकर चक्रवाती तूफान अम्फान 20 मई को दोपहर ढाई बजे के करीब पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों ( समुन्द्र के पास के इलाके ) से टकराया. तेज हवा और भारी बारिश लेकर आए तूफान के कारण कच्चे मकान, बिजली के खंभे, पेड़ और ट्रैफिक सिग्नल उखड़ गए. बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवाती तूफान ने सुंदरबन क्षेत्र में भी काफी तबाही मचाई. इसके अलावा दक्षिण और उत्तर 24 परगना, कोलकाता, हावड़ा, हुगली, मिदनापुर में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई.
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पश्चिम बंगाल के अलावा ओडिशा के तटवर्ती इलाकों में तेज हवाओं और बारिश के कारण कच्चे मकानों को नुकसान पहुंचने की खबरें हैं. तेज हवाओं के कारण दोनों ही राज्यों में हजारों पेड़ गिर गए हैं, संचार और बिजली सप्लाई भी प्रभावित हुईं. तूफान के दौरान कोलकाता में हवा की रफ्तार 110 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक रही. यही नहीं कोलकाता में तीन घंटे में 180 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई है और कई इलाकों में पानी भर गया है.
20 मई को “पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सचिवालय में अम्फान को लेकर बने कंट्रोल रूम में खुद मौजूद थीं. ममता के मुताबिक तेज हवाओं के कारण कई पेड़ गिरने से लोगों की मौत की आशंका है.उनके मुताबिक कोरोना महामारी से भी ज्यादा हम इस तूफान से नुकसान और तबाही झेल रहे हैं.” चक्रवात ने सबकुछ बर्बाद कर दिया. इन हालात में हमें मदद की जरूरत है. मैं केंद्र से कहना चाहती हूं कि राजनीति नहीं करे और हमारी मदद करे. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पत्रकारों से कहा है कि तूफान के कारण संचार सेवा बाधित हो गई है. साथ ही कम से कम 10 लोगों की मौत हुई है.
This is scary. 2020 is the worst year for our planet. #CycloneAmphanpic.twitter.com/qMa54sKP07
— Licypriya Kangujam (@LicypriyaK) May 20, 2020
हालांकि इस तूफ़ान को लेकर अन्य राज्य के लोग भी दहशत में है कि कही ये जानलेवा तूफ़ान यहाँ तक न आ जाय। उत्तर प्रदेश की राजधानी स्थिति अमौसी आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक जेपी गुप्ता ने बताया कि साइक्लोन की दिशा और रफ़्तार बदलते रहते हैं. पहले लगा था की इसका असर उत्तर प्रदेश पर भी पड़ेगा लेकिन अब स्थति साफ इसका कोई असर यहाँ नहीं पड़ने वाला हालांकि कुछ जिलों में हलकी हवाएं चल सकती है लेकिन बारिश या तूफ़ान की कोई सम्भावना नहीं है.