ईद के पावन मौके पर आज हम कुछ ऐसी कहानियां लाये हैं, जो यह दर्शाती हैं कि भले ही इंसान आपसी नफरतों की गर्दिश में कितना भी घुल जाए, लेकिन हमारे देश की एकता हमेशा बरक़रार रहेगी। जहाँ आज चारों तरफ सिर्फ गुस्से और नफरत की चिंगारी ही दिख रही है, कहीं मस्जिद से आ रही अज़ान की आवाज़ पर जंग छिड़ी हुई है तो कहीं मंदिर की घंटियों पर बवाल मचा हुआ है। लेकिन इस बीच बांदा और कानपुर में लोग आज भी गंगा-जमुनी तहज़ीब को बरक़रार रखे हुए हैं।
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बांदा ज़िले के हाथीखाना मोहल्ले में आपको एक तरफ मंदिर दिखाई देगा और मंदिर के बगल में मौजूद है मस्जिद। यहाँ रहने वाले लोग बताते हैं कि दोनों ही समुदाय के लोग पूरी एकता के साथ यहाँ रहते हैं और एक दूसरे के सुख-दुःख में शामिल होते हैं। मुस्लिम हिन्दुओं के त्योहारों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं और हिन्दू-मुस्लिमों के त्योहारों का हिस्सा बनते हैं।
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कानपुर के ग्वालटोली मोहल्ले में भी एकता की नयी तस्वीर देखने को मिली। इस मोहल्ले में हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाई धर्म के लोग मिलजुल कर रहते हैं और हर त्योहार धूमधाम से मनाते हैं। इसी एकता का प्रतीक है हमारा भारत जो धर्म और जाति की नफ़रत से कहीं ऊपर है।
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