लॉकडाउन से पड़ा रोजगार पर असर देखिये वाराणसी और महोबा से :जिला महोबा ब्लाक जैतपुर गांव मोहारी जहां के कुछ परिवार है कपड़ा की प्रेस करने का काम करता है 7 परिवार है महिलाओं का कहना है कि हम लोगों के बच्चे जहां पर दो रोटी खाते थे वहां आज एक ही रोटी खा पा रहे हैं क्योंकि दाल सब्जी को पैसा नहीं है कि हम अपने बच्चों को दाल सब्जी खिला सके पुराना वायरस के चलते काम धंधों करते थे वह बंद पड़ा हुआ है बिहारीलाल का कहना है कि मेरे जो गांव में लोग हैं कोई भी जाति का हो लेकिन मुझसे ज्यादा आर्थिक किसी की नहीं खराब होगी जो आज मैं दुकानों से एक एकमिर्च और नमक उठा उठा कर अपना अपने परिवार का पेट भर रहा हूं मैं कपड़ों के प्रेस करता था वह भी आज से 9 दिन है बंद पड़ी है अब पैसे भी नहीं है कि कुछ हमारी दाल रोटी चल सके बच्चे कहते हैं कि हम लोग जहां पर दो रोटी खाते थे वहां एक ही रोटी खाते हैं नमक रोटी पेट नहीं भरता है लेकिन मजबूरी है जो हमारे पापों की मजदूरी नहीं लगती थी लड़कियां ने बताया है कि हमारे मां-बाप कुलपहाड़ जाते थे मजदूरी करने के लिए वही से शाम में सब्जी और आटा जैसे चीजें लाते थे अब कैसा दिन आ गया जो बाजार भी बंद है कोरोना वायरस के चलते। जिला वाराणसी क्लॉक चिरईगाव गाँव उमरहा लगभग दस घर में नहीं जला चूल्रहा यहा के लोगों का कहना है रोजगार पर असर बहुत बुरा पड़ा है और हम लोगो को कई दिन से खाना नहीं बन रहा है दो दिन पहले एक एक पैकेट खाना मिला है और अब कुछ नहीं मिला है हम लोग कैसे रहे सबको तो घर में रहना है बाहर नहीं जाना हम अपने बच्चो को क्या खिलायंगे कुछ समझ में नहीं आ रहा है और हम लोगो को तो कोटा के तरफ से कुछ नहीं मिला नहीं सरकार के वोर से हम कैसे जिये और बच्चो को खिलाये । कोटे दान रामलखन का कहना है कि धिरे धिरे दिया जायगा एक एक लोगो को देना है हम किसी के घर नहीं जायेगे पहुंचाने कल से बाटा जायेगा लोग आकर ले जाये अभी तो जो दाल चावल पहले का रखा था वह खा रहे हैं सब्जियां नहीं मिल पा रही