महोबा जिले कर कुलपहाड़ में हर साल की भांति इस साल भी महिलाओं ने कार्तिक महीने में बड़े धूमधाम से नहाया और पकवान बनाया। कार्तिक नहाने वाले महिलाओं का कहना है कि हम 1 साल से इंतजार करते हैं कि कब आएगा कार्तिक का महीना। और हम कार्तिक नहाएंगे सब सखियों के साथ हंसी मजाक करेंगे और साथ में इकट्ठा रहेंगे।
कार्तिक के माह में होती थी ख़ास महिला कबड्डी, इस प्रथा के कुछ पल हमने ढूँढ निकाले चित्रकूट मेंएक महीना के लिए हम लोग राधा के रूप में कार्तिक नहाते हैं। कार्तिक महीना राधा और कृष्ण का होता है उस उपलक्ष्य में आज भी हम नहाते हैं और एक महीना के बाद जो लास्ट पूर्ण होती है उसके 1 दिन या 2 दिन पहले पकवान बनाते हैं।
कार्तिक पूर्णिमा का दिन बहुत शुभ और पवित्र माना जाता है। वैसे तो तीज-त्यौहार से लेकर पूजा-पाठ तक, हर काम में तुलसी की पत्तियों के बगैर कुछ भी पूर्ण नहीं माना जाता है पर कार्तिक महीने में तुलसी का महत्व और भी बढ़ जाता है। कार्तिक माह में भगवान श्रीहरि की पूजा में तुलसी चढ़ाने का फल 10,000 गोदान के बराबर माना गया है। तुलसी नामाष्टक का पाठ करने और सुनने से लाभ दोगुना हो जाता है। पूरे कार्तिक महीने में तुलसी के सामने दीपक जलाकर उनकी पूजा की जाती है। अगर किसी कारणवश आप कार्तिक महीने में तुलसी के सामने दीपक नहीं जला पाएं है तो कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी पूजा करके आप सौभाग्य की प्राप्ति कर सकते हैं।
जिससे कि पकवान में गुजिया खार और खपरा खड़ा हूं और लोलको चाइये अगर हम यह पकवान नहीं बनाएंगे तो हमारे कार्तिक नहाने का कोई महत्व नहीं है। महोबा जिले की खासियत यह है की इसमें जो व्रत रखते हैं वो अपने भाइयों को बुलाते हैं कहते हैं कि हमारे भाई आएंगे तकिया खोलने के लिए। जिसमें भाई भी दूरदराज से अपनी बहने जो कार्तिक नहाती हैं उनका टटिया खोलने आते हैं। भाई जो उनके पैसा होता है वह पैसा साड़ियां देते हैं।
कार्तिक महीने में तुलसी का बहुत महत्व होता है। एक महीने तक सूर्य निकलने से पहले और सूर्य डूबने से पहले महिलाएं कन्याये तुलसी के सामने दिया जलाते हैं। और ये एक महीने तक अनवरत चलता है ।
12 नवम्बर को इस बार कार्तिक पूर्णिमा थी इस दिन सब सुबह स्नान कर देवी देवताओं को प्रसन्न करते हैं। मह्बा जिले की महिलाएं भी पूजा करके अच्छे-अच्छे पकवान बनाती हैं तो देखिये इस विडियो में की क्या क्या खाना बना है और कैसे?