खबर लहरिया Blog Second phase of SIR : बिहार के बाद अब 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू होगा विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर), विपक्ष की प्रतिक्रिया

Second phase of SIR : बिहार के बाद अब 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू होगा विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर), विपक्ष की प्रतिक्रिया

बिहार के बाद 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का दूसरा चरण शुरू होगा, जिसमें 51 करोड़ मतदाता शामिल होंगे। इसकी घोषणा कल 27 अक्टूबर 2025 को मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने की। हालाँकि विपक्ष ने इसका विरोध करते हुए चुनाव आयोग पर दबाव में आने और वोट चोरी का बहाना बनाने का प्रयास बताया। इसके साथ ही विपक्ष ने कई सवाल उठाए।

मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार (फोटो साभार : सोशल मीडिया)

हाल ही में बिहार में एसआईआर प्रक्रिया का पहला चरण ख़त्म हुआ है। एसआईआर (SIR) यानी मतदाता सूचियों की गहराई से फिर से जाँच करना, जिसे विशेष गहन पुनरीक्षण (the Special Intensive Revision) कहा जाता है। अब इसके दूसरे चरण की शुरुआत होने जा रही है।

विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का दूसरा चरण 12 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में

SIR (विशेष गहन पुनरीक्षण) का दूसरा चरण 12 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में किया जाएगा। इन 12 राज्यों में पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पुडुचेरी, मध्य प्रदेश, लक्षद्वीप, केरल, गुजरात, गोवा, छत्तीसगढ़ और अंडमान एवं निकोबार शामिल हैं। इसमें से नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों का नाम शामिल है।

इसमें यह भी बताया गया कि घर-घर जाकर गणना प्रपत्रों का वितरण और संग्रहण (इक्कठा) 4 नवंबर से 4 दिसंबर के बीच किया जाएगा तथा अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी, 2026 को प्रकाशित की जाएगी।

असम में एसआईआर (SIR) की प्रकिया नहीं

मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि फ़िलहाल असम में एसआईआर नहीं होगा। असम में अगले वर्ष मतदान होना है तथा इसेक के लिए बाद में एक अलग आदेश जारी किया जाएगा।

SIR के दूसरे चरण में असम को शामिल न किए जाने पर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, “भारतीय नागरिकता कानून में असम के लिए अलग प्रावधान हैं। सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में वहां नागरिकता की जांच लगभग पूरी होने वाली है। SIR का आदेश पूरे देश के लिए था, यह असम पर लागू नहीं होता। इसलिए असम के लिए अलग से संशोधन के आदेश जारी किए जाएंगे।”

SIR (विशेष गहन पुनरीक्षण) के दूसरे चरण की घोषणा पर पक्ष- विपक्ष की प्रतिक्रिया

जहां एक तरफ SIR के दूसरे चरण की घोषणा पर इसका स्वागत और सरहाना की गई वहीं दूसरी ओर इस फैसले पर विपक्ष के लोग नाराज दिखाई दिए।

SIR के दूसरे चरण पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “SIR मतदाता सूची में शुद्धिकरण के लिए है। ये अच्छा काम है, इसकी सराहना की जानी चाहिए। जो लोग मर गए हैं, जो अवैध मतदाता हैं उनका नाम मतदाता सूची में नहीं हो सकता। मतदाता सूची का शुद्धिकरण होना चाहिए। जो भारत के नागरिक नहीं हैं उनका नाम मतदाता सूची में नहीं होना चाहिए। चुनाव आयोग अच्छा काम कर रहा है।”

विपक्षी दलों ने सवाल उठाया कि जब सुप्रीम कोर्ट में पहले से ही चुनावी राज्य बिहार में एसआईआर के संबंध में मामले की सुनवाई कर रहा है, तो अन्य राज्यों में जल्दबाजी करने की आवश्यकता क्यों है।

ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी / अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (AICC) मीडिया और पब्लिसिटी विभाग के चेयरमैन पवन खेड़ा ने आरोप लगाते हुए कहा “बिहार के SIR से चुनाव आयोग और BJP की नीयत पूरे देश के सामने आ चुकी है। जब भी SIR होता है, चुनाव आयोग के कर्मचारी हर घर जाते हैं, नए वोटरों को जोड़ते हैं और जिन्हें डिलीट करना होता है, उन्हें डिलीट करते हैं। राहुल गांधी जी के आलंद विधानसभा से जुड़े ‘वोट चोरी’ के खुलासे के बाद विशेष जांच दल (SIT) ने बताया है कि वोटर लिस्ट से नाम काटने का एक सेंट्रलाइज्ड ऑपरेशन किया जा रहा था। इन सारे मामलों के बीच चुनाव आयोग द्वारा SIR करवाना संदेह के घेरे में है, मंशा ठीक नहीं लगती। विपक्ष और वोटर- दोनों ही संतुष्ट नहीं हैं।

द हिन्दू की रिपोर्ट के अनुसार विपक्ष ने भाजपा को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया वोट चोरी अभ्यास बताया। कई नेताओं ने चुनाव आयोग पर सरकारी दबाव में काम करने का आरोप लगाया और दावा किया कि आज के भारत में, सरकार ही मतदाताओं को चुनती है। हालाँकि बिहार में होने वाले SIR पर विपक्ष हमेशा सवाल खड़े करता रहा है। इसके बारे में आप खबर लहरिया के इस आर्टिकल में पढ़ सकते हैं।

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जब विपक्ष ने दूसरे चरण को लेकर आरोप लगाए तो इसका जवाब केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन (ललन) सिंह ने दिया और कहा, “चुनाव आयोग वोट चोरी नहीं बल्कि आप (कांग्रेस) वोट की चोरी करना चाहते हैं। चुनाव आयोग संविधान में प्रावधान उसके आधार पर काम कर रहा है। आप कुछ दिन संविधान की कॉपी लेकर घूम रहे थे। आजकल नहीं घूम रहे क्योंकि वो संविधान के विरोध में बोल रहे हैं। संविधान में लिखा हुआ है जो इस देश का नागरिक वही इस देश का मतदाता होगा…आप कह रहे कि जो इस देश का नागरिक नहीं है उसे भी वोटर बना दे तो वोट चोरी कौन कर रहा है आप कि चुनाव आयोग? आप घुसपैठिए के बल पर चुनाव जीतना चाहते हैं….राहुल गांधी और तेजस्वी यादव अपनी विश्वनीयता खो रहे हैं।”

अब देखना ये होगा कि क्या इस बार भी विपक्ष फिर से एसआईआर को लेकर सवाल खड़े करता है या फिर इसे रोकने के लिए कोई उपाय करता है।

 

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