पन्ना : जैसे ही कोरोना महामारी शुरू हुई, विद्यालयों को बंद कर दिया गया। जिससे की बच्चों की पढ़ाई में समस्याएं पैदा हो गयी। जबकि पढ़ाई के लिए ऑनलाइन क्लास भी चलाई गयी थी। इसके साथ ही ‘मेरा घर, मेरा विद्यालय’ के तहत बच्चों को कुछ दिनों तक ग्रुपों में बरगद के पेड़ के नीचे या फिर चबूतरे के पास बैठाकर पढ़ाया जा रहा था। एक ग्रुप में आठ से ज़्यादा बच्चे न होने का नियम था l
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जब अगस्त में बेसलाइन क्लास शुरू की गयी तो देखा गया कि जिन बच्चों के पास स्मार्टफोन था वह कुछ हद तक पढ़ाई की समस्याओं से दूर थे। वहीं जिन बच्चों के पास स्मार्टफोन, रेडियो या ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी जिससे कि वह ऑनलाइन क्लास ले सके। उनके लिए पढ़ना मुश्किल था।
हम आपको बता दें कि 1 सितंबर से कक्षा छठवीं से लेकर 12वीं तक की सारी कक्षा शुरू कर दी गई है। जिससे छात्र-छात्राओं में काफी उत्सुकता देखने को मिल रही है। सारे बच्चे काफी खुश लग रहे हैं।
स्कूल के प्रिंसिपल द्वारा बताया गया कि, ‘अभी 50 परसेंट छात्रों को ही विद्यालय में आना एलाऊ है। अभी हम प्रयास करेंगे कि हमारे विद्यालय के सारे बच्चे आ सके और शिक्षा प्राप्त कर सकें ताकि बच्चों के भविष्य में कोई प्रभाव ना पड़े।’
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