सावित्री जिंदल 12 बिलियन डॉलर की कुल संपत्ति के साथ बनी भारत की सबसे अमीर महिला। साल 2005 में अपने पति की मौत के बाद सावित्री ने बिज़नेस संभाला था।
सावित्री जिंदल इस समय भारत की सबसे अमीर महिला हैं। कोरोना महामारी के पिछले दो सालों में उनकी कुल संपत्ति लगभग 12 बिलियन डॉलर बढ़ गयी। 72 साल की महिला बिज़नेस टाइकून की संपत्ति में अरबों की उछाल के बारे में फोर्बेस वर्ल्डस रिचेस्ट लिस्ट (Forbes world’s richest list) में सामने आया।
पेंडेमिक (महामारी) के दौर में संपत्ति में इतनी बढ़ोतरी होना बड़ी बात है क्योंकि उस समय कई व्यवसाय ऐसे थे जो अपना बिज़नेस और अपनी जीविका बचाने के लिए संघर्ष करते नज़र आ रहे थे।
आपको बता दें, अरबपतियों की सूची में जिंदल ग्रुप 91वें स्थान पर है। यह कंपनी नई दिल्ली में स्थित हैं जिसकी स्टील प्रोड्यूसर JSW स्टील के अलावा माइनिंग, बिजली उत्पादन, औद्योगिक गैसों और पोर्ट सुविधाओं में हिस्सेदारी है।
ये भी देखें – वाराणसी : महिला पंचर मैकेनिक शकुंतला के बारे में जानें
पति की मौत के बाद संभाला बिज़नेस
सावित्री जिंदल, ‘द जिंदल ग्रुप’ की कुलमाता (matriarch) हैं। वह कभी कॉलेज नहीं गयीं। साल 2005 में हेलीकॉप्टर क्रैश में पति की मौत होने के बाद सावित्री ने अपने पति की कंपनी को संभाला। उस समय वह 55 वर्ष की थीं।
जानें कौन है सावित्री जिंदल?
सावित्री का जन्म 20 मार्च 1950 में हुआ था। वह असम के तिनसुकिया टाउन में पली-बढ़ी। साल 1970 में उनकी शादी ओम प्रकाश जिंदल से हुई जिसने ‘द जिंदल ग्रुप’ की स्थापना की, जो की एक स्टील और पावर कंगलोमेरट (conglomerate) समूह है। वह हरियाणा सरकार में मंत्री और हिसार निर्वाचन क्षेत्र से हरियाणा विधानसभा के सदस्य थे।
सावित्री के नौ बच्चे हैं। साल 2005 में पति की मौत के बाद सावित्री ने अपने लिए एक अलग दुनिया की खोज की। उन्हें एक अलग दुनिया देखने को मिली जिसमें उन्होंने खुद को एक राजनेता, सामाजिक कार्यकर्ता और अरबपति के रूप में पाया।
उन्होंने अपने ज़िन्दगी के उस पड़ाव पर ऊँचा उठने का कदम रखा जिस स्टेज पर अमूमन लोग शरीर की कमज़ोरी को देखते हुए घर के कामों या व्यवसायिक कामों से खुद को रिटायर करने की तैयारी करते हैं।
ये भी देखें – महिलाएं कम आय में बना रही फूलों की माला, महिला रोज़गार योजनाओं की दिखा रही फेल तस्वीर
सबसे ज़्यादा संपत्ति मुंबई के कंपनी में
फोर्बेस की रिपोर्ट के अनुसार, ग्रुप की कंपनियों को चार बेटों के बीच बांटा गया जो स्वतंत्र रूप से इन कंपनियों को चलाते हैं।
ग्रुप की सबसे ज़्यादा संपत्ति उनके मुंबई के जेएसडब्ल्यू स्टील (JSW Steel) कम्पनी से आती है जिसे सावित्री जिंदल का बेटा सज्जन संभालता है। दिल्ली में रह रहा बेटा जिंदल स्टील एंड पावर कम्पनी (Jindal Steel & Power) को देखता है।
सावित्री जिंदल का राजनीतिक सफ़र
जिस तरह से सावित्री के पति ओम जिंदल राजनीति में आये, उसी तरह सावित्री ने भी राजनीति में अपना कदम रखा। सावित्री ने कांग्रेस के टिकट पर हिसार निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा। इस निर्वाचन क्षेत्र से वह दो बार साल 2005 और साल 2009 में चुनाव जीतीं।
वह दो बार भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में मंत्री भी बनी। अपने राजनीतिक कार्यकाल के दौरान उन्होंने 2006 में राजस्व, आपदा प्रबंधन, पुनर्वास (rehabilitation) और आवास राज्य मंत्री व 2013 में शहरी स्थानीय निकायों के मंत्री के विभागों को संभाला। वहीं साल 2014 के चुनाव में वह सीट हार गयीं।
इन सालों में दिखी बढ़ोतरी
सावित्री ने एक बार कहा था कि ‘जिंदल परिवार में महिलाएं घर की इंचार्ज होती हैं जबकि पुरुष बाहर की हर एक चीज़ की देखभाल करते हैं।’ पेंडेमिक (कोरोना महामारी) के दौरान, साल 2021 में वह 10 टॉप क्लब्स में शामिल हो गईं और उनकी कुल संपत्ति ने 18 बिलियन डॉलर का आंकड़ा छुआ।
पिछले दो सालों में सावित्री की कुल संपत्ति तीन गुना से ज़्यादा हो गयी। साल 2022 में 4.8 बिलियन डॉलर से 2022 में 17.7 बिलियन डॉलर हो गयी। वहीं 2019 और 2020 में 50% की गिरावट भी देखी गयी थी। इसके अलावा साल 2018 में 8.8 बिलियन डॉलर से उनकी कुल संपत्ति गिरकर 5.9 डॉलर हो थी। भारत की सबसे अमीर महिलाओं की सूची में उनके बाद किरण मजूमदार और कृष्णा गोदरेज का नाम शामिल है।
इसके अलावा वह अग्रोहा के महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज की अध्यक्ष भी हैं।
सावित्री जिंदल का नाम भारत की सबसे अमीर महिला के नामों में शामिल होना, बिज़नेस वूमेन्स के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। इसे देखते हुए अन्य बिज़नेस वूमेन्स को भी ज़िन्दगी के हर पड़ाव में आगे बढ़ते रहने का हौसला मिलेगा।
ये भी देखें – पाठा की शेरनी: रामलली। कोशिश से कामयाबी तक | Part 1
‘यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’