सारण जिले के गांव कोरांव के रहने वाले लोगों का आरोप है कि बरसात के मौसम से मनरेगा के तहत काम न मिलने से उनके रोज़गार पर काफी असर पड़ रहा है। कई लोग इसमें खेती-बाड़ी भी करते है। लेकिन घर चलाने के लिए एक सुनिश्चित तौर पर काम चाहिए जो उनके पास होता नहीं है। मज़दूरी करके कुछ लोग पैसे कमा तो लेते है पर 6-7 लोगों के परिवार के लिए वह पैसे भी कम पड़ जाते हैं। इन लोगों की मांग है कि मनरेगा का काम न रुके जिससे इनका काम चलता रहे।
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वहीं मनरेगा विभाग के अकॉउंटेंट, चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि मौसम के चलते मिट्टी धोने का काम बंद कर दिया गया है लेकिन मनरेगा के अंतर्गत आने वाले अन्य कार्य हो रहे हैं और हर गांव में लोगों को काम भी मिल रहा है। उनका कहना है कि लोगो द्वारा लगाए गए आरोप भी गलत है क्योंकि उनके काम से संबंधित पैसे उनके खाते में पूर्ण रूप से भेजे भी जा रहे हैं।
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