जिला ललितपुर, ब्लाक महरौनी ,गांव कुआं घोसी,मोहल्ला तालपुरा| 19 दिसंबर 2019 को यहाँ कि रहने वाली बेनीबाई का कहना है कि वह 5 साल से बीमार हैं और महरौनी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र दवा के लिए जाती है तो एक ही तरह की दवा दे देते है| जिससे उसके इलाज में कोई सुधार नहीं हो रहा है|
बेनीबाई बताती है कि वह कभी बुखार कभी सर्दी जुखाम तो कभी हाथ पैर दर्द जैसी बीमारियों से काफी परेशान रहती है और चलने में दिक्कत होती है| आठ दिन हो वह बिल्कुल नहीं चल प रही हैं| एक साल से बहुत ही बीमार हैं| महरौनी समुदाय स्वास्थ्य केंद्र में जाते हैं इलाज करवाने के लिए तो एक ही प्रकार की दवा देते हैं ना कोई सीसी ना कोई जांच बस गोली थमा देते हैं|बार-बार वही गोलिया खाने से उसे कोई आराम नहीं मिला| उसने कई बार दवा बदलने और अच्छे से इलाज करने को कहा पर कोई सुनाई नहीं है| लेकिन पैसा न होने के कारण प्राइवेट अस्पताल नहीं जाते है| क्योंकि प्राइवेट अस्पताल में जाने के लिए पैसा चाहिए होता है|
कोई जमीन जायजात है न कोई सरकारी सुविधा मिल रही जिससे इलाज करवाएं लड़का बहू है तो मजदूरी करते हैं| जिससे उन्ही का गुजारा नहीं चलता तो इलाज कहां से कराऐं | सरकार गरीबों के लिए पेंशन, राशन कार्ड है और बीमारी के लिए आयूष्मान कार्ड जैसी योजनाए तो चला रही है| पर अपात्र लोग इन योजनाओ का लाभ उठा रहे है गरीब लोग आज भी वंचित है| अगर महरौनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अच्छे से इलाज होने लगे तो अच्छा है|
मनोहर लाल कल्लू राधा का कहना है कि हां यह वास्तव में परेशान रहती हैं ज्यादातर बीमार रहती हैं लड़का बहू मजदूरी करते हैं तो इतना ख्याल नहीं रख पाते हैं वह लोग चाहते हैं कि सामुदायिक स्वास्थ्य में अच्छे से इलाज हो जाए क्योंकि प्राइवेट में जाने के लिए पैसा नहीं है और सरकर से राशन कार्ड बन जाता तो यह बैठे-बैठे अपना खा सकती थी|
एस.के साहू चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि जो भी यहां बीमार लोग आते हैं पहले वह उन लोगों को भर्ती करके इलाज करते हैं और कम से कम 4 दिन की दवा देते हैं अगर उस दवा से इन्हें आराम मिलता है तो वही देते हैं वरना दूसरी दवा देते हैं यहां जांच भी होती है कुछ सीसी वगैरा वह लोग अस्पताल से देते हैं |जॉन सी सी यहां नहीं रहती तो मेडिकल से बोल देते हैं कि वहां से खरीद ले ऐसा नहीं कि यहां की दवाई से आराम ना मिले वह लोग यह चाहते भी हैं कि लोग यहां आए क्योंकि यहां फ्री दवाई होती है प्राइवेट में जाते हैं तो इलाज का पैसा लगता है|
-रिपोर्टर सुषमा देवी