ग्रामीण भारत हमेशा से ही बीमारियों के लिए देशी दवाइयों का इस्तेमाल करता आ रहा है। अब कोरोना महामारी के शुरुआती लक्षणों के इलाज के लिए भी लोग यही रास्ता अपना रहे हैं।
यूपी के बांदा जिले के तिंदवारी ब्लॉक के ग्राम पंचायत पदारथपुर और भवानीपुर में कोरोना महमारी घर-घर अपने पैर पसार चुकी है। जब हमने महामारी को लेकर यहां के लोगों से बात की तो सब ने अलग-अलग जवाब दिए। लोगों का कहना है कि कोरोना संक्रमित होने पर शुरुआत में बुखार, ज़ुखाम और खांसी आता है। इसके बाद गले और नाक में जकड़न होने लगती है। खांसी आने से गले में दर्द होता है और खाना भी अच्छा नहीं लगता। शरीर में जलन होने लगती है।
बिना जांच के देते हैं दवाई
ग्रामीणों का कहना है कि बीमारी का इलाज डॉक्टर द्वारा ही सही ढंग से नहीं किया जाता। जब जनता डॉक्टर के पास जाती है तो डॉक्टर उन्हें दूर से ही कोई दवा देकर वापस भेज देते है। इसके साथ ही वह बिना पूरा इलाज किये सिर्फ लोगों द्वारा बताये गए लक्षण को सुनकर ही उन्हें दवा देते हैं। जब लोग डॉक्टर की दवाई से भी ठीक नहीं होते तो वह देशी नुस्खें की तरफ जाते हैं। ग्रामीण भारत में ये बहुत आम है। यहां तक की शहरों में भी लोग देशी नुस्खें और दवाइयों पर ही ज़्यादा विश्वास करते हैं।
गांव के अरविंद और कुसुम कली का कहना है कि उनके परिवार में सभी लोग बीमार हो गए थे। इलाज के लिए वह गाँव के डॉक्टर के पास गए थे। लेकिन गाँव में तो अधिकतर डॉक्टर झोलाछाप होते हैं। बिना इलाज किये ही दवाई देते हैं। जिससे बीमारी भी ठीक नहीं होती। फिर वह कहते हैं कि उनके बुज़ुर्गों ने बताया था कि देशी दवाइयां बिना पैसों के होती है। जिसे लोग खुद बनाकर अपनी बीमारी दूर कर सकते हैं। वह कहते हैं कि पहले वह अंग्रेजी दवा यह सोचकर लेते थे कि दवा लेने से और इंजेक्शन लगवाने से बीमारी जल्दी दूर हो जाएगी।
इस तरह से बनाये देशी काढ़ा
ग्रामीणों द्वारा अब खांसी, ज़ुखाम और बुखार के इलाज के लिए, जो की कोरोना की शुरूआती लक्षण हैं। उसके इलाज के लिए देशी काढ़ा दवा के रूप में बना रहे हैं। जिससे उन्हें राहत भी मिली है। काढ़ा बनाने के लिए आपको चाहिए :-
पपीता का पत्ता , तुलसी का पत्ता, कंजा का पत्ता, नीम का पत्ता, गुरीज की लकड़ी, इलायची, काली मिर्च, अदरक आदि सामग्री आपको इकठ्ठा करनी होगी। फिर इन सबको मिलाना है और आधा लीटर पानी में डालकर गैस पर चढ़ा देना है। जब पानी आधा जल जाए तो इसे आपको छानना होगा। इस तरह से आपका काढ़ा पीने के लिए तैयार हैं। ये काढ़ा आप दिन में दो बार सुबह-शाम पीजिए। चार दिन तक लगातार यह काढ़ा पीने से सर्दी, ज़ुखाम और बुखार जड़ से खत्म हो जाते हैं।
इस खबर को खबर लहरिया के लिए शिव देवी द्वारा रिपोर्ट किया गया है।
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