Covid-19 जागरूकता अभियान से प्रभावित होकर, लोग आगे आकर लगवा रहे वैक्सीन.
कोरोना (Corornavirus) जितना घातक है, उतनी ही घातक हैं कोरोना से जुड़ी भ्रामक और गलत खबरें. इन भ्रामक सूचनाओं की वजह से लोगों में वैक्सीन को लेकर झिझक पैदा हो गई.
इन अफवाहों को दूर करने के लिए, क्विंट की वेबकूफ और फिट टीम यूपी, एमपी, बिहार और असम में कुछ संस्थाओं के साथ मिलकर काम कर रही है, ताकि लोगों को कोरोना और कोरोना वैक्सीन से जुड़ी सही जानकारी बताकर, वैक्सीन से जुड़ी उनकी झिझक को दूर किया जा सके.
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वैक्सीन को लेकर फैली हैं कैसी-कैसी अफवाहें?
उत्तर प्रदेश के जनपद आजमगढ़ के ब्लॉक अतरौलिया में वीडियो वॉलेंटियर्स की ओर से सामुदायिक संवाददाता रीमा ‘जान जाओ जान बचाओ’ अभियान की मदद से गांव-गांव जाकर लोगों तक कोविड-19 वैक्सीन से जुड़ी सही जानकारी पहुंचा रही हैं. इन गांवों की महिलाओं ने रीमा से अपने भ्रम बताए. उन्हें लगता था कि 18 साल की उम्र के ऊपर के पुरुषों को टीका लगाने से नपुंसकता हो सकती है और महिलाओं को भी मां बनने में समस्या हो सकती है. इसके अलावा, उन्हें ये डर भी था कि वैक्सीन मौत का कारण बन सकती है.
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इन अफवाहों से कैसे निपट रहे हैं क्विंट और वीडियो वॉलेंटियर्स?
रीमा ने इन भ्रमों को दूर करने के लिए, कोविड 19 जागरूकता अभियान के तहत लोगों के बीच जाकर लाउडस्पीकर की मदद से उन्हें समझाने की कोशिश की कि सोशल मीडिया पर फैली इस तरह की अफवाहों को सच न समझें.
इसके अलावा, क्विंट की फैक्ट चेक स्टोरी, पॉडकास्ट और वीडियो के साथ-साथ जागरूकता से जुड़े पंपलेट भी बांटे.
क्विंट और वीडियो वॉलेंटियर्स की कोशिश का नतीजा ये निकला कि महिलाएं आगे आकर वैक्सीन लगवाने लगीं. उनकी हिचकिचाहट दूर हुई.
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यह लेख क्विंट और खबर लहरिया की पार्टनरशिप का हिस्सा है।