शिवदेवी , गीता दिवाली है ,वाह क्या बात है दिवाली मे कितनी अच्छी तरह तरह की मिठाइयां बनती है और दुकाने भी मिठाइयों से सजी होती हैं, खाने में मजा आ जाता है|
, गीता , हां सच मे , पर अगर दिवाली हो और चने की दाल वा पटाखों और सात की धुम न हो तो अधूरा लगता है घर मे रौनक ही नहीं आती| अगर मिठाई के साथ तबेला भर चना के दाल और चावल न हो तो हम क्यों पीछे रहें।
गीता ,हमारे बुन्देलखण्ड में तो बीना दाल चावल के दिवाली ही नहीं होती हर घर में महिलाएं दाल चावल जरुर बनाती हैं और पूरूष बच्चे सब मिलकर पटाखे छुटाते है और तास खेल कर खूब एन्जॉय करते हैं|
हम अभी चल रहे हैं बांदा शहर के चमरोडी मोहल्ले मे जहां हमारी एक खास सहेली रहती हैं वो आज हमे एक खास तरह की मिठाई बना कर खिलाने वाली हैं|
आ गई रे चटोरी के इस शो के जरिए हमारी कोशिश है हर त्योहार का खास खाना और मिठाई हम अपने शो के जरिए अपने दर्शकों को दिखाए ताकी आप भी अपने यहां बना सके
हर पकवान हर मिठाई और भी तरह की डिशेज़ आप लोगों के लिए हम लेकर आए है.
हां तो आप भी हमे बता सकते हैं अपनी पसंद की डिशेज़ और इसके लिए आपको हमारे आ गई रे चटोरी शो को देखने के लिए हमारे यूट्यूब चैनल को सस्क्राइव लाइक और कमेंट करना होगा|
तो मिलते हैं फिर अगले शो मे नई डिश के साथ
एक बार फिर से सबको हैप्पी दिवाली