खबर लहरिया Blog रसोई में कैसे लगे तड़का, सब्जियों का रेट भड़का

रसोई में कैसे लगे तड़का, सब्जियों का रेट भड़का

दिन-ब-दिन सब्जियों के बढ़ते दाम ने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। प्याज आंसू निकाल रहा है तो टमाटर और भी लाल हो गया है। अक्सर प्याज काटते समय आँखों में आंसू आ जाते हैं लेकिन इस समय प्याज की महंगाई इतनी बढ़ गई है कि प्याज खरीदे बिना ही आंख से आंसू निकलने को तैयार है। पिछले कुछ दिनों में प्याज के दामों में बढ़ोत्तरी हुई है। ब्याज के दाम ऐसे बढे़ कि प्याज इस समय सलाद से भी गायब दिख रही है। शहर में प्याज के दाम 80 रुपये से 100 रुपये किलो तक पहुंच गए हैं। ऐसे में प्याज खरीदना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन सा लग रहा है।

 

प्याज ही नहीं सब्जियों के भाव भी आसमान छू रहे हैं आम आदमी की जेब पर सब्जियां अतिरिक्त बोझ डाल रही हैं। जितने पैसों में कुछ दिनों पहले हप्ते भर की सब्ज़ी मिल जाती थी उतने में अब दो दिन की भी नहीं मिल पा रही है। इसलिए लोगों के हर माह के बजट से ज्यादा पैसे खर्च हो रहे हैं। जिससे बजट गड़बड़ा रहा है।

हरी सब्जियों का नाम लेते ही लोगों के दिमाग में पालक, सरसों, मेथी, सोया, बथुआ, ब्रोकली, साग चौलाई आदि विभिन्न तरह के सब्जियों के नाम आते हैं। हम सभी जानते है कि अलग-अलग रंगों की सब्‍जी और फलों को अपने नियमित आहार में शामिल करना स्‍वास्‍थ्‍य के लिए अच्‍छा होता है। क्योंकि सभी प्रकार की हरी सब्जियों में विटामिन, प्रोटीन, खनिज पदार्थ आदि की अधिक मात्रा होती है।ठंडी में लोग हरी सब्जी का सेवन ज्यादा करते हैं ये देखते हुए भी सब्जियों के दाम में वृद्धि की जाती हैरी सब्‍जी खाने के फायदे न केवल स्‍वास्‍थ्‍य बल्कि बालों और त्‍वचा सौंदर्य के लिए भी होते हैं और स्वास्थ्य के लिए किसी औषधी से कम नहीं होते हैं।

प्याज के आसमान छूते दामों की वजह महाराष्ट्र, राजस्थान समेत दक्षिण भारत, जैसे प्याज उत्पादक इलाकों में बाढ़ से इसकी सप्लाई पर असर पड़ा है। कुछ हप्ते पहले हुई बारिश से सप्लाई और घट गई है। इसके चलते प्याज के भाव दिल्ली और कई दूसरी जगहों पर 70 से 80 रुपये प्रति तक पहुंच गए हैं। पिछले दो तीन सालों से प्याज की महंगाई की स्थिति बनी हुई है। अक्सर चर्चा होती रहती है भाजपा सरकार में महंगाई बढ़ी है गोदामों में प्याज सड़ रहे। और यही वजह है कि आम आदमी की पहुंच से सब्जियां दूर हो गई हैं। सरकार को चाहिए कि सब्जियों के बढ़ते दाम पर नियंत्रण लगाया जाए।