उत्तर प्रदेश| साइबर अपराध को लेकर आरबीआई की गाइडलाइंस भले ही फाइलों से भरी पडी़ हो| लेकिन ठग लगातार लोगों के खाते खाली करने में कामयाब हो रहे हैं| इस समस्या से निपटने के लिए आरबीआई ने सख्त निर्देश दिये हैं| जिसके तहत बैंकों को एडीएम से ट्रांजेक्शन करना हो या अॉनलाइन ट्रांजेक्शन सभी की निगरानी के लिए 24 घंटे सर्विलांस सिस्टम विकसित करना है| इसके बाद भी ये सिस्टम बैसाखी पर है और तमाम गाइडलाइंस सिर्फ कागजों का हिस्सा बनकर रह कर हैं|
इन सभी समस्याओं को देखते हुए लग रहा है कि आरबीआई की ओर से बैंकों को दिए गये निर्देश का सुचारु रुप से पालन नहीं हो रहा है| उत्तर प्रदेश में कुल 6600 बैंक शाखाएं है और 6900 एटीएम हैं| जिनमें से 17 सरकारी क्षेत्र के बैंक और 10 निजी बैंक हैं और इन सभी में 84000 अधीकारी व कर्मचारी हैं| इसके बावजूद भी 972 बैंक शाखाओं के कैमरे खराब हैं, 2100 एटीएम के कैमरे फेल हैं और 4100 से अधिक एटीएम में गार्ड नहीं हैं और 30 फीसदी एटीएम की मॉनीटरिंग नियमित नहीं हो रही|
ये आंकडे आंनलाइन सर्च करने पर जगरण लखनऊ से मिले हैं|अब सवाल ये उठता है कि क्या ऐसे में ग्राहकों की सुरक्षा हो पाएगी| या बैंक सिक्योरिटी सिस्टम को लेकर बडे़-बडे़ दावे ही करती रहेगी और अपराधी आए दिन बैंक ग्राहकों की खून-पसीना से कमाई हुई गाढी रकम लेटते रहेंगे| लेकिन सबसे गंभीर बात तो ये है कि सिक्योरिटी सिस्टम में कमी होने के बाद भी बैंक न तो अपनी गल्तियों को मानते हैं न ही आसानी से ग्राहकों का पैसा वापस करते हैं| जिसके चलते ये घटनाएं आए दिन बढ़ती जा रही हैं और बैंक ग्राहक अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे है|