छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के कोटा क्षेत्र में “बढ़ते कदम संस्था” द्वारा संचालित विद्या आश्रम उन बुज़ुर्गों के लिए एक सहारा बना है, जो जीवन की अंतिम सीढ़ियों पर अकेले खड़े हैं। कुछ ऐसे हैं जिनका कोई परिवार नहीं, तो कुछ ऐसे जिनके अपने होते हुए भी वे बेसहारा हैं। कभी जिन्होंने अपने बच्चों को पढ़ाया, पाल-पोसकर बड़ा किया — आज वही बच्चे उन्हें अकेलेपन की ठोकर देकर छोड़ चले गए हैं। यह आश्रम न सिर्फ उनकी देखभाल करता है, बल्कि हर दिन उनके इंतजार को भी चुपचाप सुनता है। हर सुबह उम्मीद लेकर आँखें दरवाज़े पर टिकी रहती हैं…मगर शाम होते-होते फिर वही सन्नाटा रह जाता है।
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