चित्रकूट जिले में 11 मार्च से 15 मार्च तक पांच दिवसीय मेला लगता है। यह मेला हर साल लगता है। रामायण मेले के महामंत्री करुण शंकर द्विवेदी बताते हैं कि यह मेला साल 1973 से लगता आ रहा है। जिसे तकरीबन 48 साल हो गए हैं। इसमें प्रदेश स्तर के लोक कलाकार और संस्कृति कलाकार हिस्सा लेते हैं।
चित्रकूट: पहाड़ी मेले की चकाचौंध देखने उमड़ी भीड़
इस बार मेले दिल्ली से नटवारी कलाकार आने वाले हैं। यह पहली बार मेले में हिस्सा लेंगे। इसके आलावा नृत्य और नाटक भी होगा। यह मेला राष्ट्रिय मेले में से एक मन जाता है। जो की बहुत बड़ा लगता है। मेले के ज़रिये बहुत-से कलाकारों को हिस्सा लेने का मौका मिलता है। सुबह से लेकर शाम तक मेले में मनोरंजन चलता रहता है। काफ़ी भीड़ भी होती है। बहुत-सी दुकाने लगती हैं।
लोग खूब सारी खरीदारी करते हैं। मेले में साज-सज्जा और कपडे से लेकर गहनों आदि की दुकाने लगती हैं। मेले की तैयारी का ज़िम्मा प्रशासन ने मेले के अध्यक्ष राजीव करवरिया को दिया है। साथ ही मेले का निरक्षण जिला अधिकारी अमित ओसरी और उप कृषि अधिकारी डीपी शाही को दिया गया।