खबर लहरिया Blog Rajasthan Flood: राजस्थान के सूखे रेगिस्तान में बाढ़ का कहर, गांव और शहर पानी में अस्त-व्यस्त 

Rajasthan Flood: राजस्थान के सूखे रेगिस्तान में बाढ़ का कहर, गांव और शहर पानी में अस्त-व्यस्त 

राजस्थान में इस बार बारिश ने 69 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। पिछले साल यानी 2024 में राज्य में सामान्य से 156 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई थी। इस साल 2025 में जुलाई तक ही 177 प्रतिशत ज्यादा बारिश हो चुकी है

flooded road

बाढ़ से डूबा सड़क (फोटो साभार: सोशल मीडिया)

राजस्थान जो अपनी शुष्क जलवायु और रेतीले दृश्यों के लिए जाना जाता है इस बार मानसून की ताकत से बेहाल हो गया है। राजस्थान में लगातार तेज़ बारिश से हालात इतने बिगड़ गए हैं कि कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं और बांधों में पानी भरकर उफान मार रहा है। कई गांव और शहर पानी में डूब गए हैं। सड़कें कट गई हैं, घरों में पानी भर गया है और लोग सुरक्षित जगहों पर जाने को मजबूर हैं।

राजस्थान में इस बार बारिश ने 69 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। पिछले साल यानी 2024 में राज्य में सामान्य से 156 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई थी। इस साल 2025 में जुलाई तक ही 177 प्रतिशत ज्यादा बारिश हो चुकी है और अगस्त में भी लगातार तेज़ बारिश जारी है। हालात यह हैं कि राजस्थान के 18 बड़े बांध ओवरफ्लो हो चुके हैं और 30 में से 22 जिले सीधे तौर पर बाढ़ और बारिश से प्रभावित हैं।

इस दिनों कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर और झालावाड़ जिलों में हालात सबसे ज्यादा गंभीर हैं। कई गांव पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं और कई जगहों का संपर्क कट गया है। अमर उजाला के रिपोर्टिंग के अनुसार राजस्थान में मानसून सीजन में वर्षा जनित हादसों में अब तक 91 लोगों की जान जा चुकी है।

कई जगह नदियों का पानी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है

केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक़ कई जगह नदियों का पानी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। सवाई माधोपुरा के बारांवाड़ा स्टेशन पर चंबल नदी 198 मीटर के खतरे के निशान को पार कर गई और 22 से 25 अगस्त के बीच पानी चार मीटर से ज़्यादा बढ़ने से क़रीब 30 गांव डूब गए और शहर से कट गए। बूंदी जिले के लाखेरी स्टेशन पर चंबल नदी का जल स्तर छह मीटर ऊपर चला गया और तीन दिन में 9 मीटर तक बढ़ने से तेज़ बहाव में एक 50 साल की महिला की मौत हो गई। धौलपुर स्टेशन पर भी पानी खतरे के निशान से 7 मीटर ऊपर बह रहा था जबकि कोटा के बड़ौद स्टेशन पर पानी चेतावनी और खतरे के निशान के बीच रहा। उधर उदयपुर के खंडियोवारी स्टेशन पर 25 अगस्त की सुबह अचानक पानी बढ़ा और कुछ घंटों में ही यह 272.2 मीटर तक पहुंच गया जो बाढ़ के निशान से ऊपर है। ऐसा हाल यहाँ पिछली बार 2019 में देखने को मिला था।

स्कूलों की छुट्टी और मदद के लिए दो हेल्पलाइन नंबर जारी 

राजस्थान की राजधानी जयपुर लगातार बारिश के कारण अलर्ट पर है। जिले के कई गांवों में पानी भर गया है। सड़कों व रास्तों पर जलभराव से लोगों को आने जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हालत को देखते हुए प्रशासन ने 25 और 26 अगस्त 2025 को सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी है। जिला प्रशासन ने मदद के लिए दो हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं। 0141-2204475 और 0141-2204476, जिन पर 24 घंटे संपर्क किया जा सकता है।

सेना ने 41 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला

अमर उजाला के रिपोर्टिंग के अनुसार बूंदी में बाढ़ की वजह से हालात चिंता जनक हैं। कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट चुका है। लोग अपने घरों में कैद होने को मजबूर हैं। वहीं ग्रामीणों के लिए सेना देवदूत बनकर सामने आई। 17 राजपुताना राइफल्स की बाढ़ राहत टुकड़ी ने बड़ा डांढला कस्बे से महिलाओं और बच्चों सहित 41 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। इसके बाद लोगों ने राहत की सांस लेते हुए सेना का आभार जताया है।

तीन दिन तक बरतें सावधानी 

मौसम विभाग कि मानें तो मानसून इस समय बीकानेर, जयपुर, ग्वालियर, प्रयागराज होते हुए पूर्व की ओर जा रही है। ध्यान देने वाली बात यह है कि मरुधरा के ऊपर एक साइक्लोनिक सिस्टम एक्टिव है। इस वजह से अधिकांश हिस्सों में बारिश की संभावना है। मौसम विभाग ने अलर्ट पर रहने के लिए कहा है। 

 

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