खबर लहरिया Blog राहुल गांधी से छिनी संसद सदस्य्ता, संसद की रुकी कार्यवाही, जानें क्या है पूरा मामला

राहुल गांधी से छिनी संसद सदस्य्ता, संसद की रुकी कार्यवाही, जानें क्या है पूरा मामला

संसद की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही मिनटों के अंदर विपक्षी सांसदों के विरोध के बीच राज्यसभा दोपहर 2 बजे तक और लोकसभा को आज शाम 4 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।

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                                                                                                    संसद भवन की फोटो ( साभार – सोशल मीडिया)

राहुल गांधी से उनकी सांसद सदस्य्ता छीने जाने के बाद राजनीति काफी गर्मा सी गयी है जिसका असर आज संसद में भी देखा गया। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, संसद की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही मिनटों के अंदर विपक्षी सांसदों के विरोध के बीच राज्यसभा दोपहर 2 बजे तक और लोकसभा को आज शाम 4 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।

जानकारी है कि आज कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में विपक्षी पार्टियों की एक बड़ी बैठक हुई थी जिसमें प्रसून बनर्जी और जवाहर सरकार ने टीएमसी का प्रतिनिधित्व किया था। इस बैठक में राहुल गांधी की अयोग्यता पर विरोध स्‍वरूप कांग्रेस सांसदों ने काले कपड़े पहने। वहीं तेलंगाना में कांग्रेस के प्रतिद्वंद्वी चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) भी “काले कपड़े” विरोध में शामिल हुई।

यह बता दें, संसद सत्र के दूसरे भाग का यह तीसरा सप्ताह है और अभी तक संसद में रुकावट ही देखने को मिल रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि विपक्ष अदाणी मुद्दे पर जेपीसी की मांग कर रहा है तो वहीं दूसरी तरफ ट्रेजरी बेंच लंदन में अपने भाषण के लिए राहुल गांधी से माफी मांगने की मांग की जा रही है। राहुल गाँधी पर यह आरोप लगाया गया था कि उन्होंने विदेशी धरती पर देश की मानहानि की है।

यह भी जान लें, बजट सत्र का चालू दूसरा भाग 13 मार्च से शुरू हुआ था और 6 अप्रैल तक चलेगा।

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राहुल गांधी के सावरकर बयान पर ठाकरे का जवाब

हाल ही में शनिवार, 25 मार्च को दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा था, ‘‘मेरा नाम सावरकर नहीं है, मेरा नाम गांधी है और गांधी किसी से माफी नहीं मांगते हैं।”

राहुल गांधी के सावरकर वाले बयान ने शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे को बेहद आहत किया जिसके जवाब ने उन्होंने रविवार, 26 मार्च को कहा, वह हिंदुत्व विचारक वी.डी. सावरकर को अपना आदर्श मानते हैं। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से कहा कि वह सावरकर का अपमान करने से बचें। महा विकास अघाड़ी (एमवीए) तीन दलों – शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) – का गठबंधन है, जिसे लोकतंत्र की रक्षा के लिए बनाया गया था और इसके लिए एकजुट होकर काम करना जरूरी था।

उद्धव ठाकरे ने आगे कहा, ‘‘मैं राहुल गांधी को बताना चाहता हूं कि हम अपने देश के लोकतंत्र और इसके संविधान को बचाने के लिए एक साथ आए हैं। हालांकि, आपको जानबूझ कर उकसाया जा रहा है। यदि हम इस समय को व्यर्थ जाने देंगे तो लोकतंत्र का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। 2024 का चुनाव, आखिरी चुनाव होगा।”

 

राहुल गांधी से संसद सदस्य्ता छीने जाने का पूरा मामला

कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने कहा कि संसद द्वारा उनकी अयोग्यता राजनीति से प्रेरित थी। बता दें, मानहानि के एक मामले में दो साल की सज़ा सुनाये जाने के एक दिन बाद शुक्रवार, 24 मार्च को भारत की संसद ने राहुल गांधी से उनके सांसद होने का दर्ज़ा छीन लिया। रिपोर्ट्स के अनुसार, राहुल गांधी को 2019 में एक चुनावी रैली में पीएम मोदी के उपनाम के बारे में टिप्पणी करने के लिए दोषी ठहराया गया था।

राहुल गांधी ने शनिवार, 25 मार्च को दावा करते हुए कहा कि उन्हें इसलिए अयोग्य घोषित किया गया क्योंकि पीएम नरेंद्र मोदी “अडानी पर मेरे अगले भाषण से डरे हुए थे”।

द वायर की प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार, 25 मार्च को एक प्रेस सम्मेलन के दौरान राहुल गांधी ने ज़ोर देकर कहा कि “नरेंद्र मोदी जी और श्री अडानी के बीच एक गहरा रिश्ता है” और पूछा, “एक सवाल है, मिस्टर अडानी की शेल कंपनियों में 20,000 करोड़ रुपये अचानक आ गए हैं, यह पैसा कहां से आया है?” इनमें से कुछ कंपनियां रक्षा कंपनियां हैं। हमारे ड्रोन और मिसाइल विकास पर किसका पैसा खर्च किया जा रहा है? रक्षा मंत्रालय यह सवाल क्यों नहीं पूछ रहा है?”

संसदीय कानून के अनुसार लिया गया फैसला

राहुल गांधी की संसद सदयस्ता छीनने को लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कहा, गांधी को अयोग्य ठहराने का निर्णय संसदीय कानूनों के अनुसार था, और फैसले पर सवाल उठाने के लिए उनकी पार्टी की आलोचना की।

केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार कैबिनेट मन्त्री भूपेंद्र यादव ने कहा, गांधी ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) नामक जाति समूह के सदस्यों का अपमान किया था, जिसके तहत “मोदी” नाम आता है।

आगे कहा, “किसी भी उपनाम का अपमान करना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है।”

नहीं दी जाएगी चुनाव लड़ने की इज़ाज़त

वहीं गांधी के समर्थकों ने कहा कि गांधी की अयोग्यता इस बात का संकेत है कि भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था कमज़ोर हो रही है व आने वाले दिनों में सरकार के खिलाफ और विरोध प्रदर्शन की योजना है। यह भी बता दें,

राहुल गांधी को अगले साल होने वाले राष्ट्रीय चुनावों में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जब तक कि उनकी सजा निलंबित नहीं की जाती या उन्हें मामले में बरी नहीं किया जाता।

इस समय भारतीय राजनीति में जो कुछ भी हो रहा है, वह सब सिर्फ एक ओर इशारा कर रही है और वह है भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था। अब यह मामला आगे क्या रुख लेगा, यह तो राजनीति की तरह है अनसुलझा है जिसके बारे में पहले कोई अंदेशा लगा पाना मुश्किल है।

 

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