खबर लहरिया जिला बुंदेलखंड में विलुप्त होते जा रहे पूरन के पत्ते

बुंदेलखंड में विलुप्त होते जा रहे पूरन के पत्ते

जिला चित्रकूट ब्लॉक मऊ गांव भैरमपुर के तालाब में पूरन के पत्ते लगे हुए हैं। यह पत्ते बुंदेलखंड की संस्कृति का हिस्सा है। यह पत्ते कई चीज़ों में काम आते हैं। इन पत्तों पर खाना-खाने से खाना और भी स्वादिष्ट लगता है। लेकिन आज आमतौर पर लोग प्लास्टिक या फाइबर की प्लेट्स का इस्तेमाल खाना खाने के लिए करते हैं। जिससे की पुरानी संस्कृति लोगों में कहीं गायब सी हो गयी है।

इसके पत्ते के साथ-साथ इसका फूल भी पूजा में काम आता है। इसके बीज को भी लोग खाते हैं। लोगों का कहना है कि सर्दी के मौसम में अगर इसकी सब्ज़ी बनाकर खाई जाए तो अच्छा लगता है l

लोग बताते हैं कि भैरमपुर तालाब में लगभग 5 बीघा ज़मीन में तालाब फैला हुआ है। लोगों का कहना है कि तालाब में पानी भरा रहना चाहिए नहीं तो पत्ते सूख जाते हैं। बहुत लोग इन पत्तों को लेने के लिए दूर-दूर से आते हैं। वह इससे बीस रूपये किलो में बेच भी देते हैं।

यह पुरैन का पत्ता तालाबों में होता है जिससे तालाबों की सुंदरता बढ़ती है इसी के साथ इसमें कमल का फूल होता है जो पूजा में लगता है बीज होता है जिसका मखाना बनता है कमल गटा भी उसको कहते हैं और जो इसकी जड़ होती है उसको भसीडा़ कहते हैं जो आजकल लोग बाजारों में महंगे दामों में खरीदते ह और बहुत ही चाव से खाते हैं

लोगों का कहना है कि धीरे-धीरे उनका यह कल्चर ख़त्म होता जा रहा है। वह चाहते हैं कि उनके बच्चे कल्चर को आगे लेकर जाएं।

हमने जिला महोबा के अलग-अलग गांव के लोगों से भी पूरन पत्ते के कल्चर को लेकर बात की। लोगों का कहना था कि पूरन का पत्ता पहले कल्चर माना जाता था क्यूंकि यह पत्ता बुंदेलखंड में उगता है। आज से दस साल पहले जब भी शादी होती थी तो वह बैलगाड़ी लेकर तालाब जाते थे। तालाब से लाखों पत्ते खाने के प्लेट के तौर पर निकालकर लाते थे।

प्रेमबाई कहते हैं कि जब वह इस पत्ते में पूड़ी रखते थे तो वह चाहें उसे एक दिन बाद निकालें। उसमें से पूड़ी गर्म ही निकलती थी। साथ ही पूड़ी मुलायम भी रहती थी। यह इन पत्तों की खासियत है।

यह खासियत रहती थी पत्तों में और अब जो चली है कागज का कागज रख दिया और जो पूरी रखा तो ऐसी निकलती हैं कि बिल्कुल सूखी हुई वह खाने तक में टेस्टी नहीं होती थी और जो पत्तों की पूरी रखी होती थी वह बिल्कुल ही मुलायम बनी रहती है।

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